राष्ट्रीय पदाधिकारीयों ने समझाई संगठन की बारीकियां
व्यक्तिगत अपेक्षाएं नहीं समर्पण मांगता है संगठन
गदा व श्री राम की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किये राष्ट्रीय पदाधिकारी
हाथरस। संगठन का उद्देश्य न्याय मम धर्म: है। अर्थात अंतिम व्यक्ति तक को न्याय। संगठन में अपेक्षाओं से नहीं जुड़ना चाहिए बल्कि समर्पण के भाग से काम करने के लिए आगे आना चाहिय। संगठन विस्तार में 5 स्टेप मुख्य हैं। जिसमें दायित्व व प्रवाह के अलावा विचार वाले संगठन आदि से संपर्क प्रमुख हैं।
यह उदगार हाथरस के अलीगढ़ रोड स्थित राधे गार्डन में अधिवक्ता परिषद बृज की हुई संघठनात्मक आयाम बैठक में अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री हरि बौरिकर जी ने व्यक्त किये। वहीं राष्ट्रीय मंत्री चरण सिंह त्यागी जी ने भी उनकी बात का समर्थन किया और उपस्थित सभी प्रदेश और जिले के पदाधिकारीयों को संबोधित करते हुए कहा कि आप संगठन में किसी व्यक्तिगत अपेक्षा को लेकर न जुड़े, बल्कि समर्पण भाव से कार्य करने के लिए आगे आए।
संगठनात्मक आयाम बैठक दो सत्रों में संपन्न हुई। संबोधन में खास तौर से प्रदेश आयाम अध्यक्ष विरीथ जी, प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष गुप्ता प्रदेश मंत्री चंद्रमोहन जी, शंकर सैनी, उमाशंकर शर्मा आदि प्रमुख थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री चरण सिंह त्यागी को गदा व राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री हरि बौरीकर जी सहित अन्य उपस्थित गणमान्य जनों को श्री रामचंद्र जी की पीतल की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर खास तौर से जिला अध्यक्ष हाथरस प्रेमदत्त गौतम व वह महामंत्री देवकांत कौशिक के अलावा अलीगढ़ जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार रौतेला, पूर्व डीसीसी सिविल प्रमोद शर्मा, मुन्ना सिंह पुढ़ीर, ऋषभ कुमार, केके कुलश्रेष्ठ, रवि शर्मा, सुधीर चौधरी, मोतीराम गोला, सुरेश चौहान, योगांश पाराशर, गिरीश कुमार शर्मा, संजय दीक्षित, विश्वास बहादुर, त्रिलोकी, गोविंद, कुमार भारत, टर्मेश जी, कमलकांत, दिनेश शर्मा आदि प्रदेश की 22 इकाइयों से पधारे अधिवक्त उपस्थित थे।