राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सशुल्क चिकित्सा बीमा के विरोध में दिया डी0एम0 व बी0 एस0 ए0 को ज्ञापन

राज्य कर्मचारियों को नि:शुल्क और परिषदीय शिक्षकों को सशुल्क कैशलेश चिकित्सा सुविधा देने की सरकारी मंशा का विरोध
हाथरस। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिलाध्यक्ष रविकांत मिश्र के नेतृत्व में सशुल्क चिकित्सा सुविधा के विरोध में आज जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को मा0 मुख्यमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन दिया ।उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जहां समस्त राजकीय कर्मचारियों को नि:शुल्क कैशलेश चिकित्सा की सुविधा दी जा रही है वहीं हम परिषदीय शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार दिखाते हुए भारी शुल्क के साथ चिकित्सा सुविधा लेने के लिए श्रीमान महानिदेशक एवं सचिव बेसिक शिक्षा के माध्यम से निर्देश जारी कराया गया है जो हम लोगों के आत्मसम्मान के ऊपर भारी कुठाराघात है जिसे हम सभी किसी भी रूप में स्वीकार नहीं कर सकते |_
_जिलाध्यक्ष रविकांत मिश्र ने बताया कि सरकार के इस दोहरे रवैये से हम सभी बेहद पीड़ा में हैं ऐसा महसूस हो रहा है कि सरकार हम लोगों को शिक्षक नहीं सिर्फ दोयम दर्जे का बहुउद्देशीय कर्मचारी समझती है जिनसे शिक्षण के साथ न केवल देशभर का काम लेना है अपितु इन कार्यों को करने में आने वाले खर्चों को भी हम लोगों से वहन करवाना है जिसका उदाहरण है हमलोगों के व्यक्तिगत मोबाइल, डेटा को सुनियोजित तरीके से सरकार द्वारा अपने योजनाओं में उपयोग करना तथा जिन कार्यों को बीआरसी/ बीएसए के कम्प्यूटर आपरेटरों को करना है उन्हें भी हम लोगों से करवाना |
जिला महामंत्री डॉ0 संजय गौतम ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि सरकार आज हमलोगों को सशुल्क चिकित्सा सुविधा लेने का प्रायोजन कर रही है। जिससे हम लोगों के धन से हम लोगों को नहीं पहले सरकारी बीमा कम्पनियों को लाभ पहुँचे तथा सरकार को अपने खजाने से हम लोगों के चिकित्सा सुविधा के लिए एक रुपया खर्च न करना पड़े |सरकार की हम शिक्षकों के प्रति ऐसी सोच न्याय के सिद्धान्त के खिलाफ है जिसका कारण समझ से परे है
सरकार हम लोगों से शिक्षण ही नहीं उसके साथ अन्य हर तरह के असम्मान जनक काम तो लेना चाहती है परंतु अपने राज्य कर्मचारियों की तरह हमलोगों के अधिकारों को देना नहीं चाहती..सरकार की ऐसी सोच बेहद चिंतनीय एवं विचारणीय है
ऐसा लगता है सरकार और सरकार के नीति नियन्ता हम परिषदीय शिक्षकों के प्रति एकदम नकारात्मक भाव रखते हैं क्योंकि ऐसा न होता तो एक ही व्यवस्था के लिए दो विधान का प्रावधान नहीं करते ।_
हम शिक्षकों के प्रति सरकार की ऐसी भावना हम लोगों का घोर अपमान है जिसका राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ पुरजोर विरोध करता है । इसलिए आज श्रीमान जिलाधिकारी महोदया के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस तरह के कैशलेश चिकित्सा व्यवस्था के विरोध में ज्ञापन सौंपा ।
राज्य सरकार द्वारा इस तरह की अन्यायपूर्ण दोहरी व्यवस्था को स्थापित करने का प्रयास उसकी कुत्सित मानसिकता का द्योतक है। इसलिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ आप शिक्षकों से आह्वान करता है कि सरकार द्वारा लाई गई इस तरह की कैशलेश चिकित्सा को कतई स्वीकार नहीं करना है।*
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष बृजेश शर्मा, राजकुमार , मीनाक्षी सिंह, संजय शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष अजीत राणा, राहुल देव, मनोज शर्मा, उमेश सारस्वत, मनीष दीक्षित, अमित कुमार, गौरव पचौरी, धर्मवीर सिंह, विनीत गौतम,आदि शिक्षक व पदाधिकारी उपस्थित रहे ।

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