होरी खिलावन आवेंगी ब्रजनारी ,मथुरानाथ जी महाराज ने आज राजभोग में खेली फिर होली

हाथरस। इन दिनों ठाकुर जी जमकर होली खेल रहे हैं। बतादें कि बसंत पंचमी पर्व से ही ब्रज में ठाकुर जी ब्रज के सभी मंदिरों में होली खेलते है। द्वापर युग से चली आ रही प्रथा आज भी ब्रज में प्रचलित है।
ब्रज की द्वार देहरी रस की नगरी हाथरस के दिल्ली वाला चौक स्थित मंदिर श्री मथुरानाथ जी में नित्य नये होली उत्सव मनाये जा रहे हैं। इन उत्सवों के ही क्रम में आज मथुरानाथ जी के मंदिर में श्री मथुरेशो विजयते, मथुरानाथ जी की जय के जय घोषों के साथ होली उत्सव मनाया गया। इस दिन फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा दर्शन
होरी खेल – राज भोग में नित्य के प्रति
समाय सायं 6 बजे से 7:30 तक होली पद गायन हुआ। जिस में “खिलावन आवेंगी ब्रजनारी” प्रातः जगाते समय गवैगी ब्रजनारी, बन में श्री बल्लभ बाला मिलि खेलें फाग ” ( नित्य) ” प्रथम यथामति प्रणवहुं श्री वृन्दावन रम्य “( धमार ), होरी हो ब्रजराज दुलारे (काफी ), तू तौ प्रीत की रीति न जानैं ( टोड़ी)
खेलफाग अनुराग मुदित युवती जन देत आशीष ( आशीष कौ पद नित्य ) नित्य के प्रति आज भी पद गायन हुआ और ठाकुर जी ने होली खेली।

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