अर्थव्यवस्था का मुख्य केंद्र है ग्राहक :सैनी, “ग्राहक दिवस” धूमधाम से आयोजित

अलीगढ़। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत अलीगढ़ महानगर के तत्वावधान में आज “ग्राहक दिवस” धूमधाम से आयोजित किया गया।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, आगरा रोड, अलीगढ़ में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत अलीगढ़ महानगर की ओर से आयोजित “ग्राहक दिवस” का विधिवत शुभारंभ अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद सैनी-प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.एके जेटली, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रदीप सिंघल, क्षेत्रीय प्रचारक भगवती प्रसाद तथा जिला अध्यक्ष प्रमोद बंसल ने माँ शारदे, भारत माता के चित्रों पर माल्यार्पण कर एवं दीप जलाकर किया। मंचासीन सभी अतिथियों तथा प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों बिष्णु अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, रामप्रकाश अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल को अखिल
भारतीय ग्राहक पंचायत अलीगढ़ महानगर इकाई के पदाधिकारियों ने प्रतीक चिन्ह भेंटकर एवं शाल उड़ाकर सम्मानित किया।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद सैनी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में हजारों वर्ष से ग्राहक आन्दोलन चल रहा था, लेकिन ग्राहक पंचायत की अनौपचारिक रूप से शुरूआत 06 सितंबर 1974 को हुई और ग्राहकों की संस्था बतौर 23 फरवरी 1975 की विधिवत शुरूआत हुई। उन्होनें कहा कि दुनियां का प्रत्येक व्यक्ति ग्राहक की श्रेणी में आता है।
श्री सैनी ने कहा कि देश की आजादी के बाद भारत का अर्थतंत्र ग्राहकों की बजाए उधोग केंद्रित हो गया जिससे ग्राहक को पता ही चल पाया कि उसके द्वारा खरीदी गई बस्तु का लागत मूल्य क्या है? हजारों वर्ष से चल रहे ग्राहक आन्दोलन के बावजूद ग्राहकों के हितों के संरक्षण के लिए सुसंगत प्रावधान की व्यवस्था नहीं थी। ग्राहक पंचायत की पहल के बाद केंद्रीय सरकार द्वारा कंज्यूमर एक्ट, आरटीआई एक्ट को लागू किया गया, अब अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की ओर से केंद्रीय सरकार से लोगों को बस्तुओं के लागत मूल्य की जानकारी देने के सम्बंध में एक्ट बनाने की मांग की गई है।
श्री सैनी ने ग्राहक को अर्थव्यवस्था का मुख्य केंद्र बताते हुए कहा कि ग्राहकों के हितों को संरक्षण देने के मकसद से सरकार को “ग्राहकोन्मुखी” नीतियां बनाने की जरूरत है। उन्होनें जोर देकर कहा कि दक्ष (जागरूक) ग्राहक बनकर ही उन्हें शोषण से मुक्ति मिलनी सम्भव है। ग्राहकों का उत्पीड़न कानून के पालन न होने तथा नैतिक मूल्यों के पतन की बजह से हो रहा है।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ताओं की पहचान उनके निस्वार्थ भाव से काम की बजह से है। श्री सैनी ने कहा कि मौजूदा समय अर्थवाद की बजाए नैतिकता युक्त उपभोक्तावाद को बढ़ावा दिए जाने की महति जरूरत है।उन्होंने कहा कि ग्राहक पंचायत का कहना है है-उत्पादन में वृद्धि, वितरण में सुगमता और उपभोग में संयम हो।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. एके जैटली ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्कृति, मानवता और रोजगारपरक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जन्म से मृत्यु तक हर इंसान ग्राहक होता है, लेकिन ग्राहकों की दिक्कतों को दूर करने की दिशा में अभी तक ईमानदारी से जरूरी कदम नहीं उठाए गए। ग्राहकों के हित में बहुत कानून तो
जरूर बने मगर उन कानूनों का कभी प्रभावी पालन नहीं हुआ। उन्होंने कंज्यूमर और ग्राहक में फर्क बताते हुए कहा कि अभी कंज्यूमर एक्ट ही बना है जिसे ग्राहक एक्ट में तब्दील किये जाने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्राहक पंचायत का मुख्य धर्म “ग्राहक” है और ग्राहक पंचायत का सक्रिय कार्यकर्ता ग्राहक धर्म का पालन करते हुए अपने काम को अंजाम देता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी सामान को खरीदते समय दुकानदार से उसका बिल जरूर लें। उन्होनें ग्राहक पंचायत के कार्यकर्ताओं को अपने काम में सफलता हासिल करने के लिए “समन्वय और समाधान” की भावना को अपनाने की सीख दी।
जिलाध्यक्ष प्रमोद बंसल ने अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की महानगर इकाई के कार्यकलापों, कार्यकारिणी के गठन के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदीप सिंघल (संरक्षक) ने ग्राहक को भगवान बताते हुए ग्राहक की संतुष्टि देने पर जोर दिया और कहा कि वह उद्योग-व्यापार की तरक्की के लिए भावी पीढ़ी को यही भाव अपनाने का संदेश दे रहे हैं।
प्रो.तनवी शर्मा ने कार्यक्रम के अंत में आगंतुकों अतिथियों एवं सभी गणमान्य नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सीपी गुप्ता ने किया।
कार्यक्रम में डॉ.अनिल कुमार वार्ष्णेय, डॉ.इंदु वार्ष्णेय, विमल खेमानी, अशोक चौधरी, श्रीमती मधु आंधीवाल, श्रीकिशन गुप्ता,सुरेंद्र अग्रवाल,यतीश चंद्र गुप्ता, राकेश मित्तल, पवन पराग, अशोक उपाध्याय, प्रियांक शर्मा सहित बड़ी संख्या में सामाजिक-उद्योग-व्यापार संगठनों के पदाधिकारी, पत्रकार, समाजसेवी, शिक्षाविद और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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