अपना घर आश्रम ने असहाय व मानसिक रूप से विक्षिप्त अवस्था में मिले युवक को परिजनों से मिलवाया

हाथरस। किसी भी आश्रयहीन, असहाय लावारिस, बीमार को सेवा एवं संसाधनों के अभाव में वेदनादायक पीड़ा एवं असामयिक मृत्यु का शिकार होने से बचा सके इसी परिकल्पना को साकार करने हेतु संचालित अपना घर आश्रम हाथरस में 4 अगस्त को हसायन थाना पुलिस द्वारा सुनील नामक प्रभु जी को असहाय व मानसिक रूप से विक्षिप्त अवस्था में सेवा एवं उपचार हेतु भर्ती किया गया जहां लगभग 15 दिन की सेवा एवं उपचार के उपरांत सुनील प्रभु जी ने अपने घर परिवार के बारे में बताया एवं अपने भाई का नंबर दिया जिस पर संपर्क करने पर उनके भाई से बात हुई उन्होंने बताया कि सुनील उनके बड़े भाई हैं जो अपनी पत्नी के साथ कश्मीरी गेट दिल्ली में रहकर रोजी-रोटी कमाते हैं यह लगभग एक माह पूर्व दिल्ली से अपने गांव कानपुर के लिए निकले थे उसके बाद में इनका कोई पता नहीं चला घर पर माता-पिता एवं उनकी पत्नी और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है इन्हें काफी ढूंढने की कोशिश की गई लेकिन यह कहीं भी नहीं मिले पुलिस थाना कश्मीरी गेट में भी उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है सुनील प्रभुजी के पिताजी शिवकुमार अपने परिजनों के साथ अपना घर आश्रम आए और अपने पुत्र को सकुशल देख खुशी से भावुक हो गए उन्होंने बताया कि सुनील प्रभु जी के एक बेटा हुआ दो बेटियां हैं वह सुनील प्रभु जी को अपने साथ अपने गांव कुशाल पूर्वा,सु सु मऊ,उन्नाव उत्तर प्रदेश लेकर गए सचिव चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा कि अपना घर आश्रम प्रभु सेवा का वह मंदिर है जहां प्रत्येक असहाय लावारिस एवं बीमार को प्रभु सेवा समझकर की जाती है जहां संसाधनों की व्यवस्था स्वयं ठाकुर जी विभिन्न माध्यमो से करते हैं यदि आपको इस युग में साक्षात ठाकुर जी की लीला देखनी है तो अपना घर आश्रम पधार कर देख सकते हैं।

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