रूदायन में भव्य कलश शोभायात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा शुरू

हाथरस। गांव रूदायन स्थित श्री हनुमान जी पक्का मंदिर परिसर में भव्य कलश शोभायात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ कियागय। कथां भगवान श्री कृष्ण की रोचक कथाओं के साथ श्री श्री मलूकापीठाधीश्वर स्वामी श्री राजेन्द्र दास देवाचार्य के कृपापात्र महंत कथा व्यास श्री प्रहलाद दास जी महाराज ने धुंधकारी और गोकर्ण की कथा का रोचक वर्णन किया। जिसे सुन श्रोता भाव विभोर हो नेत्रों से अश्रुधारा बहाने लगे।
मंगलवार को कलश शोभायात्रा गांव रूदायन के श्री हनुमान जी पक्का मंदिर से शुरू होकर गांव के विभिन्न मुहल्लों और मार्गों से होते हुए पुनः श्री हनुमान जी पक्का मंदिर पहुंची जहां कलश शोभायात्रा को समान किया गया। इससे पूर्व आचार्य रामकृष्ण शास्त्री द्वारा विधि-विधान से वेदमंत्रोंच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर हवन यज्ञ किया गया। जिसमें भक्तों ने आहूतियां देकर विश्व कल्याण की कामना की। कलश शोभायात्रा के बाद कथा व्यास ने धुंधकारी और गोकर्ण की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि गोकर्ण एक सज्जन और धुंधकारी एक आतंकी स्वभाव का व्यक्ति था। वह अपने माता पिता को भी सम्मान नहीं देता था। एक दिन धुंधकारी की मौत हो गई, मौत के बाद धुंधकारी को जब मुक्ति नहीं मिली तो वह भटकने लगा और तब गोकर्ण को स्वप्न में अपने मुक्ति न मिलने की बात की तो गोकर्ण ने श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराया। जिसे सुनने के लिए जब धुंधकारी आया तो उसे वहां मत्रों के कारण बैठने में भारी परेशानी होने लगी। तब आचार्यों ने एक बांस में धुंधकारी को बैठाकर श्रीमद्भागवत कथा का ज्ञान दिया। जिसे सुन धुंधकारी को मुक्ति मिली और मोक्ष को प्राप्त हुआ। कथा का भावार्थ बताते हुए कथा व्यास ने बताया कि कथा का श्रवण कैसे भी करो मगर एकग्रचित्त होकर और भगवान को समर्पित होकर जो कथा श्रवण करता है या पढता है उसे निश्चत रूप से मोक्ष मिलता है। इस दौरान राजा परीक्षित बने सुधीर पाठक एवं उनकी पत्नी श्रीमती चित्रा पाठक के साथ तमाम श्रोता एवं कार्रकर्ता मौजूद थे।

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