सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्राप्त होने वाली जन शिकायतों का जवाब 30 दिवस में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें

हाथरस । सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्राप्त होने वाली जन शिकायतों के निस्तारण हेतु जन सूचना अधिकारियों/प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक मा0 राज्य सूचना आयुक्त उ0प्र0 श्री स्वतंत्र प्रकाश की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक के दौरान मा0 राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को अधिनियम के प्रावधानों, प्रक्रियाओं और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी और अधिनियम के तहत सूचना के अनुरोधों को संभालने और अपील का निस्तारण करने के बारे में मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आवेदन अथवा उसके भाग का हस्तांतरण जितना जल्दी संभव हो, कर देना चाहिए। यह ध्यान रखा जाए कि हस्तांतरण करने में आवेदन की प्रति की तारीख से पांच दिन से अधिक का समय न लगे। यदि कोई जन सूचना अधिकारी किसी आवेदन की प्राप्ति के 5 दिन के बाद उस आवेदन को स्थानांतरित करता है तो उस आवेदन के निपटान में होने वाले विलम्ब में से इतने समय के लिए वह जिम्मेदार होगा जो उसने स्थानांतरण में 5 दिन से अधिक लगाया। जन सूचना अधिकारी को सूचना की आपूर्ति अनुरोध की प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर कर देनी चाहिये। यदि मांगी गई सूचना का संबंध किसी व्यक्ति के जीवन अथवा स्वातंत्र्य से हो तो सूचना आवेदन की प्राप्ति के 48 घंटे के भीतर उपलब्ध करना अपेक्षित है। प्रत्येक लोक प्राधिकरण से अपेक्षित है कि वह प्रत्येक उप प्रभागीय स्तर अथवा अन्य उप जिला स्तर पर सहायक जन सूचना अधिकारी नामित करे जो अधिनियम के अन्तर्गत आवेदनों अथवा अपीलों को प्राप्त कर सके और उन्हें जन सूचना अधिकारी अथवा अपीलीय प्राधिकारी अथवा राज्य सूचना आयोग को अग्रसारित कर सके। यदि सूचना के लिए कोई अनुरोध सहायक जन सूचना अधिकारियों के माध्यम से प्राप्त होता है तो जन सूचना अधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्त होने के 35 दिन के भीतर तथा यदि मांगी गई सूचना व्यक्ति के जीवन तथा स्वातंत्र्य से संबंधित हो, तो सूचना अनुरोध प्राप्ति 48 घंटों में जमा 5 दिन के भीतर उपलब्ध करा दी जानी चाहिये। एक लोक प्राधिकरण से दूसरे लोक प्राधिकरण को स्थानांतरित किये गये सामान्य आवेदन का उत्तर सम्बंधित लोक प्राधिकरण को उसके द्वारा आवेदन प्राप्ति के 30 दिन के भीतर दे देना चाहिये। यदि मॉगी गई सूचना व्यक्ति के जीवन तथा स्वातंत्र्य से संबंधित हो तो 48 घंटे के भीतर सूचना उपलब्ध करवा दी जानी चाहिये। यदि आवेदक से सूचना प्राप्त करने हेतु कोई शुल्क देने को कहा जाता है तो शुल्क के भुगतान के बारे में सूचना के प्रेषण तथा आवेदक द्वारा शुल्क का भुगतान करने के बीच की समय अवधि को उत्तर देने की अवधि के उद्देश्य से नहीं गिना जायेगा।
इस मौके पर उन्होंने विभिन्न विभागों की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की और उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सूचना अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें तथा प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण करें। उन्होंने पारदर्शिता और जवाबदेही को शासन के मूल सिद्धांत बताते हुए सूचना प्रदान करने में किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने की सख्त हिदायत दी। मा० राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम एक सशक्त माध्यम है, जिसके माध्यम से नागरिक शासन प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन सूचना की उपलब्धता समयबद्ध एवं पूर्ण रूप से सुनिश्चित की जाए तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को अधिनियम के तहत अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करना और यह सुनिश्चित करना था कि वे अधिनियम के तहत सूचना के अनुरोधों को प्रभावी ढंग से और समय पर संसाधित करें। इसके अतिरिक्त अधिनियम के तहत पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। मा0 राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को अधिनियम के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर सूचना प्रदान करने और अपील का प्रभावी ढंग से निपटान करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को अधिनियम के तहत अपनी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को समझने और उनका प्रभावी ढंग से पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों ने भाग लिया और अधिनियम के अंतर्गत लंबित प्रकरणों, सूचना के समयबद्ध प्रदान किए जाने एवं पारदर्शिता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्रस्तुत करने के साथ ही अपने-अपने विभागों की प्रगति से संबंधित जानकारी प्रस्तुत की एवं अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सुझाव भी साझा किए।
मुख्य विकास अधिकारी ने मा0 राज्य सूचना आयुक्त महोदय को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आपके द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन अक्षरशः किया जायेगा।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, समस्त उप जिलाधिकारी, प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट, जन सूचना अधिकारी/प्रथम अपीलय अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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