पेट के कीड़ों से बचाव हेतु 649720 बालक, बालिकाओं एवं किशोरों को एल्बेंडाजोल की खिलाई जाएंगी गोलियां

हाथरस । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 10 अगस्त 2020 से चलाये जाने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय/आॅरियेन्टेशन की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी।
गोली खिलाने के संबंध में जिलाधिकारी ने दिशा-निर्देश देते हुये कहा कि गोली को उम्र के अनुसार सही मात्रा में ही दे। गोली को पीसकर तथा स्वच्छ जल के साथ में बच्चे को कुछ खाद्य पदार्थ खाने के बाद ही दे। उन्होने कहा कि यदि बच्चा बीमार है और अन्य किसी बीमारी से पीडित है और दवाई ले रहा है तो उसे एल्बेंडाजोल की गोली का सेवन नहीं कराना है तथा जबरदस्ती भी दवा को नहीं देना है साथ ही माता-पिता को गोली घर पर रखने या बाद में खिलाने हेतु न दे, गोली का सेवन अपने सामने कराना सुनिश्चित करे। उन्होने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरते।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 बृजेश राठौर ने जानकारी देते हुये बताया कि में कृमि रोग अर्थात पेट में कीड़े होना एक साधारण बीमारी समझी जाती है, मगर इसका इलाज न किया जाए तो यह रोग कई जटिलताएं जैसे रक्ताल्पता, कुपोषण, आंतों में रुकावट, एलर्जी आदि जानलेवा रोगों का कारण भी बन सकती है। भारत सरकार के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1 से 19 वर्ष के बच्चों में कृमि संक्रमण 76 प्रतिशत है। उन्होने बताया कि कृमि रोग से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 2 बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस मनाया जाता है। जिसमें 1 से 19 साल तक के बच्चों को दवाएं प्रदान की जाती हैं। उन्होने बताया कि कृमि रोग के लक्षण होने पर अनायास मिचली या उल्टियां होना, दस्त होना, पेट दर्द, बच्चे दुबले और कमजोर हो जाते हैं, ये कीड़े कभी-कभी उल्टी में मुंह अथवा नाक, मल द्वार से बाहर भी निकल सकते हैं। कुछ बच्चे या बड़े कृमि रोग के कारण दमा जैसे लक्षणों अर्थात् सांस फूलना, खांसी आना इत्यादि के शिकार हो जाते हैं। कई एलर्जी के लक्षण उत्पन्न करते हैं।
कार्यक्रम नोडल एसीएमओ डॉ विजेंद्र सिंह ने बताया कार्यक्रम संबंधित जनपद तथा ब्लॉक स्तरीय अंतरविभागीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का संपादन जिला स्तर पर किया जा चुका है। उन्होने बताया कि इस वर्ष अगस्त में प्रथम चरण में हाथरस सहित चयनित 11 जनपदों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 1 दिन के लिए न होकर 10 अगस्त से लेकर अगले 10 दिनों के लिए चलाया जा रहा है। वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण के कारण विद्यालय एवं आंगनवाड़ी केंद्र बंद है, अतः फ्रंटलाइन वर्कर आशा एवं आंगनवाड़ी के सहयोग से घर-घर जाकर आशा व आंगनवाड़ी द्वारा समस्त 1 से 19 वर्ष के 649720 बालक, बालिकाओं एवं किशोरों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी और इसके अलावा ईट भट्टों आदि पर कार्य करने वाले श्रमिकों एवं घुमंतू लाभार्थियों के सभी बालक/बालिकाओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। आशा तथा आंगनवाड़ी प्रतिदिन 25 से 30 घरों में भ्रमण कर बच्चों को गोली खिलायागी तथा घर पर चाक से मार्क करेंगी कि उस घर मे कितने लाभार्थी बच्चों के सापेक्ष कितने बच्चों को गोली खिलाई गई। उन्होने बताया कि पेट के कीड़ों की गोली एल्बेंडाजोल को 1 से 2 वर्ष के बच्चों को 200 मिलीग्राम अर्थात आधी गोली तथा 2 से 19 वर्ष के बच्चों को 400 मिलीग्राम अर्थात पूरी गोली खिलाई जानी हैं।
उन्होने बताया कि कृमि रोग से बचाव के लिए निम्न सावधानियां बरतना चाहिये, सब्जियां और फलों का उपयोग खूब अच्छी तरह धोकर इस्तेमाल करें। नानवेज पसंद करने वाले सुअर व गाय के मांस से बचें और कम पका या अधपका मांस का सेवान न करे। स्वच्छ पानी ही पियें, इसके लिये फिल्टर का उपयोग करें या आवश्यकतानुसार पानी को उबालकर पीना चाहिये। घरों में मल एवं गंदगी के निकास की उचित व्यवस्था करवाएं। जहां तक संभव हो शौचालय कुछ अलग स्थान में रखने चाहिए। कुंओं और जलाशयों की नियमित सफाई आवश्यक है। ऐसे स्थानों के पास अथवा खेत इत्यादि में शौच क्रिया न करें। चिकित्सक की सलाह पर वर्ष में एक या दो बार कृमिनाशक दवाइयों का सेवन भी किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर0 बी0 भास्कर, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 बृजेश राठौर, एमओआईसी, आई सी डी एस विभाग के अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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