विपरीत परिस्थिति भी सच्चे भक्त को भगवान की भक्ति से विमुख नहीं कर सकती

सादाबाद। गांव सरौठ में चल रही श्रीमदभागवत कथा में कथा व्यास रणवीर सिंह शास्त्री ने सोमवार को ध्रुव चरित्र, भक्त प्रह्लाद चरित्र और नरसिह अवतार प्रसंग का वर्णन किया। कथा वाचक ने कहा कि प्रहलाद चरित्र पुत्र एवं पिता के संबंध को प्रदर्शित करता है। उन्होने कहा कि यदि भक्ता सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे भगवान की भक्ति करने से विमुख नहीं कर सकतीं। राक्षस प्रवृति के हिरण्यकश्यप जैसे पिता को प्राप्त करने के बाबजूद भी प्रहलाद ने ईश्वर की भक्ति नहीं छोड़ी। प्रहलाद ने अपने पिता हिरण्यकश्यप के यहां ईश्वर की सत्ता को स्वीकार किया और पिता को भी उसकी ओर ले जाने के लिए प्रेरित किया। भगवान नर सिंह द्वारा हिरण्यकश्यप का संहार किया गया। मौके पर डॉ. योगेश कुमार ने कथा व्यास का पटका पहनाकर स्वागत किया। कथा सुनने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

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