हरिगढ़। मथुरा रोड पर सिंगारपुर स्थित केशव सेवा धाम, हरिगढ़ में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) में शुक्रवार को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता में निर्मित संविधान की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। प्रदर्शनी में आंबेडकर के संविधान की बारीकियों को बताया गया है, जिससे शिक्षार्थी संविधान की खूबियों को समाज तक पहुंचाने का कार्य करें। प्रदर्शनी का शुभारंभ बृज प्रांत के प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र कुमार, प्रांत बौद्धिक प्रमुख नरेंद्र कुमार, सह प्रांत बौद्धिक प्रमुख एवं पूर्व सदस्य लोक सेवा आयोग कृष्णवीर शाक्य, विभाग प्रचारक गोविंद ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि यह प्रदर्शनी शिक्षार्थियों को प्रभावित करने वाली है। इससे वह सीख सकेंगे कि हमारा संविधान कैसे देश की संप्रभुता को बनाए हुए है। डाक्टर आंबेडकर ने संविधान में जो बातें निहित की है उससे किस प्रकार से हमरा देश मजबूत बना हुआ है यह भी जान सकेंगे। प्रांत के सह बौद्धिक प्रमुख कृष्णवीर ने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है। साथ ही उनके कर्तव्यों के बारे में भी बताता है। संविधान में डाक्टर आंबेडकर ने जिन बिंदुओं को प्रमुखता से दिया है, उससे हमारा राष्ट्र सशक्त बनता है। भारत ही एकमात्र देश है जिसने दुनिया को लोकतंत्र दिया है।
इसके बाद रात आठ बजे संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) का उद्घाटन सत्र था, जिसके मुख्य वक्ता प्रांत प्रचारक धर्मेंद्र कुमार रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए वर्ग के माध्यम से हमें देशभक्त युवा तैयार करने हैं, जो देश और समाज का कार्य कर सकें। वर्ग में 15 दिनों तक शिक्षार्थी दंड, समता, घोष, नियुद्ध आदि प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। वर्ग में शाम तक 370 शिक्षार्थी पहुंच चुके थे। इस मौके पर सर्वाधिकारी डाक्टर राजीव सिंह, वर्ग कार्यवाह विमल यादव, वर्ग पालक महावीर शर्मा, विभाग प्रचार प्रमुख भूपेंद्र शर्मा, महानगर प्रचारक विक्रांत कुमार डाक्टर दिनेश गुप्ता, राकेश गौतम, कृष्णा कुमार आदि मौजूद थे।
धर्म ग्रंथों के बारे में भी जानेंगे शिक्षार्थी
संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षार्थी अपनी सनातन संस्कृति को जान सकेंगे इसके लिए धर्म ग्रंथों को भी रखा गया है। विभाग कार्यवाह योगेश आर्य ने बताया कि महामंडलेश्वर डाक्टर पूर्णानंदपुरी महाराज ने इस कार्य में काफी मदद की है। उन्होंने वेद, पुराण, रामायण, महाभारत समेत तमाम धार्मिक ग्रंथों और साहित्य को उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षार्थियों को अपने धर्म ग्रंथों को अच्छी तरह जानने का अवसर मिलेगा।