हाथरस। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वीर साँवरकर शाखा पर भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती मनाई गई। वीर साँवरकर की राष्ट्रभक्ति,वीरता और संघर्ष को याद कर उनके जीवन को प्रेरणाप्रद बताया।
मुरसान गेट बराई मंदिर पर प्रतिदिन लगने वाली संघ की वीर साँवरकर शाखा पर जयंती कार्यक्रम में मुख्य वक्ता कृष्ण गोपाल भारद्वाज ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुये कहा कि वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को नासिक, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने युवावस्था से ही अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया। सावरकर ने लंदन में ‘अभिनव भारत’ और ‘फ्री इंडिया सोसाइटी’ जैसे संगठनों की स्थापना की थी। उन्होंने भारतीय युवाओं को सशस्त्र क्रांति के लिए प्रेरित किया। सावरकर का डर अंग्रेजों के मन में इसलिए भी था, क्योंकि वे केवल एक क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि एक प्रखर विचारक भी थे। अंग्रेजों ने वीर साँवरकर को 2 बार कालापानी जैसी कठोर यातनाएं दी लेकिन अंग्रेजी हुकूमत उनके मातृभूमि के प्रति समर्पण भाव को डिगा नहीं पाईं। उन्होंने राजनीति का हिंदूकरण और हिंदू धर्म का सैन्यीकरण का नारा दिया।
आजादी के आंदोलन में उनके अदम्य साहस और संघर्ष की गाथा को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता।
वीर सावरकर की राष्ट्रभक्ति , साहस और संघर्ष हम सभी को राष्ट्र ,समाज एवँ हिंदुत्व की रक्षा के लिये हमेशा शक्ति प्रदान करता रहेगा । संचालन नगर कार्यवाह भानु ने किया।
इस अवसर पर नगर प्रचारक शिवम ,डॉ यूएस गौड ,डॉ पीपी सिंह धर्मेंद्र सिंह , मनीष अग्रवाल, संदीप वार्ष्णेय ,
सत्य पाल मदनावत ,
अजय वर्मा ,जुगनू आदि स्वयंसेवक मौजूद रहे