जनपद न्यायालय में शिष्टाचार के सम्बन्ध मे समस्त कर्मचारीगण को दी जानकारी
हाथरस। जे.टी.आर.आई. लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश, हाथरस, सतेन्द्र कुमार के आदेशानुसार जनपद न्यायालय, हाथरस के समस्त कर्मचारियो के सतत सीखने हेतु वातावरण निर्मित किये जाने के उद्देश्य से वीडियो काॅन्फ्रेसिंग कक्ष, जनपद न्यायालय, हाथरस मंे शिष्टाचार के सम्बन्ध मे समस्त कर्मचारीगण को जानकारी देते हुये प्रशासनिक लिपिक आशुतोष द्वारा बताया गया कि हम सभी को एक दूसरे के प्रति सम्वेदनापूर्वक व्यवहार करना चाहिए। शिष्टाचार का पहला गुण है विनम्रता हमारे लहजे मे विनम्रता होनी चाहिये। किसी की निजी बातो मे दखल नही देना चाहिये। हमे अनुशासन मे रहना चाहिये। समाज के नैतिक नियमो का हमेशा पालन करना चाहिये। किसी भी स्थान पर हमेशा तय सभी समय पर ही पहुॅचना चाहिए। बार-बार बिना किसी कारण के हॅसना नही चाहिए। कभी उॅगली उठाकर हाथ इधर-उधर बात नहीं करनी चाहिए। अपने से सम्बन्धित वस्तुओ फाइल, सामान जो भी सामग्री है सभी को सही ,स्थान पर सही प्रकार से ही रखना चाहिए। सभी कर्मचारियो को अपने कार्य के अतिरिक्त वादकारियो के प्रति अच्छा व्यवहार करना चाहिए तथा उसकी मद्द की भावना होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त लेखाकार संजय रायजादा ने अपने वक्तव्य मे कहा कि अपने अधिकारी के आगे नहीं चलना चाहिए जहाॅ तक सम्भव हो अपनी गाड़ी को किसी अधिकारी की गाड़ी से आगे नहीं निकालना चाहिए। जब भी किसी के पास से गुजरे तो अभिवादन शब्द जरूर बोले, कोशिश करे कि बिना बोले न निकले, बड़े है तो नमस्कार कर ले, छोटे हैं तो हाल-चाल पूछ ले, यह शिष्टाचार है। यदि किसी कर्मचारी को कोई भी जानकारी चाहिए तो वह अपने सीनियर से ले सकते है तथा किसी भी व्यक्ति के साथ अपना व्यवहार निर्मल रखना चाहिए। इस अवसर पर जनपद न्यायालय, हाथरस के समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।