एम० एल० डी० वी० पब्लिक इण्टर कालेज में हिन्दी दिवस पर गोष्टी का आयोजन , हिन्दी को समृद्ध व प्रभावशाली बनाने एवं इसके उत्थान हेतु की चर्चा

हाथरस। श्यामकुंज स्थित एम० एल० डी० वी० पब्लिक इण्टर कालेज में हिन्दी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का हुआ भव्य आयोजन श्यामकुंज स्थित एम०एल०डी०वी० पब्लिक इण्टर कालेज में हिन्दी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें हिन्दी को समृद्ध व प्रभावशाली बनाने हेतु एवं इसके उत्थान के लिये किये जाने वाले प्रयासों पर चर्चा की गयी।
शिक्षकगणों को सम्बोधित करते हुये राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित डी०आर०बी०
इण्टर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य स्वतन्त्र कुमार गुप्त ने बतलाया कि हिन्दी भावों की भाषा है।
इसका व्याकरण सुबोध एवं सुगम्य है। इसमें अन्य भाषा के शब्दों को समाहित करने की अद्भुत क्षमता है। पूरे भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दी बोलना व लिखना जानती है एवं 10 प्रतिशत जनसंख्या हिन्दी समझती है। भारत के 11 राज्यों में हिन्दी प्रमुख भाषा है। वर्ष 1949 में हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया था। आज के दिन हम संकल्प लें कि हिन्दी के प्रचार व प्रसार में स्वयं को समर्पित कर देंगे, तभी हिन्दी का मान व सम्मान सुरक्षित रहेगा एवं हिन्दी राष्ट्रभाषा बनकर पूरे विश्व में अपना परचम लहरायेगी। आधुनिक दौर में बदलते हुए हिन्दी के स्थान को लेकर चिंता जताते हुये विशिष्ट अतिथि आर०के०एस०के० इण्टरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति सिंह ने बतलाया हमारी आधिकारिक भाषा होने के अलावा हिन्दी सबसे समृद्ध भाषाओं में से एक है। हिन्दी दिवस मनाने का उद्देश्य युवाओं को उनकी विरासत की याद दिलाना है। राष्ट्रीय एकता में भी हिन्दी का महत्वपूर्ण एवं गौरवशाली स्थान है।
विद्यालय की कार्डिनेटर रेखा जौदान ने आग्रह किया कि यदि हम 15 मिनट भी शुद्ध हिन्दी बोल पाते हैं, तो सही मायने में हम हिन्दी दिवस मना रहे हैं। अन्य भाषाओं के सम्मान के साथ-साथ हमें हिन्दी को उचित स्थान दिलाना होगा। सारिका सोनी व निधि चतुर्वेदी की कविताओं ने जहाँ दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया, वहीं दूसरी ओर प्रियंका जैन एवं प्रियंका वाष्र्णेय द्वारा हिन्दी दिवस के उपलक्ष में की गयी साज-सज्जा ने सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय, प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एड०), उप प्रधानाचार्या शाजिया रफीक खान, ललिता पाठक, आर०के० शर्मा, संजय मिश्रा, हिमांशु वाष्र्णेय, अंकित वाष्र्णेय, मौ० दानेश, गीता गौतम, काजोल वाष्र्णेय, मोनिका दुबे, मानसी वर्मा, प्राची शर्मा, रिया जैन, निधि शर्मा, निधि अरोरा, सारिका गुप्ता, ऋचा वाष्र्णेय, बबिता भारद्वाज, चारू गुप्ता, अभिषेक सिंह, कृष्ण कुमार कौशिक, गिरीश वर्मा, सुनीता राय, सुमिति शर्मा, पुनीत गुप्ता, पुनीत वाष्र्णेय, राजेन्द्र प्रसाद, जीतू अरोरा, सत्यवती आदि का सहयोग रहा।
अन्त संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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