एम०एल०डी०वी० पब्लिक इण्टर कालेज में कैरियर काउन्सिलिंग सेमिनार का आयोजन

हाथरस। श्यामकुंज स्थित एम०एल०डी०वी० पब्लिक इण्टर कालेज में कैरियर काउन्सिलिंग सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं को उनके रोजगार के प्रति जागरूक कर उनके जीवन उपवन को साकार बनाना था। कार्यक्रम का शुभारम्भ रोजगार अधिकारी अशुतोष श्रीवास्तव, प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एड०), प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय एवं संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त द्वारा माँ सरस्वती के छविचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया।
रोजगार अधिकारी अशुतोष श्रीवास्तव ने कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को उनके भविष्य में सम्भावित रोजगार के अवसरों का विस्तृत वर्णन करते हुये बतलाया कि इस प्रकार के कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं की आजिविका निर्धारित करने हेतु, उनकी रूचि के अनुकूल उन्हें शैक्षणिक पाठ्यक्रम चुनने में सहायता प्रदान करना है। उन्होंने 18 वर्ष की आयु प्राप्त बालक-बालिकाओं से कहा कि वह रोजगार कार्यालय में आवश्यक रूप से अपना नामांकन करायें, जिससे कि वह आने वाले समय में सरकारी एवं प्राइवेट क्षेत्र में अपनी योग्यता के अनुसार रोजगार प्राप्त कर अपने जीवन उपवन को सुरभित एवं सुगन्धित कर सकें।
इस अवसर पर अंशिका गौतम, शौर्य शर्मा, हर्षिका, वृद्धि, कृष्णा, ऐशिका आदि द्वारा कैरियर सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की जिज्ञासायें मुख्य अतिथि से की गयी, जिनका उत्कृष्ट समाधान रोजगार अधिकारी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित डी०आर०वी० के पूर्व प्रधानाचार्य एवं एम०एल०डी०वी० तथा आर०के०एस०के० इण्टरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने बतलाया कि भारत में अंग्रेज प्रशासक लार्ड मैकाले द्वारा बनायी गयी शिक्षा नीति में शिक्षा के लिये शिक्षा की बात तो कही गयी थी, किन्तु उसका सम्बन्ध रोजगार से दूर-दूर तक नहीं था। परिणाम यह हुआ कि हमारे देश में बेरोजगारों की एक लम्बी-चौड़ी सेना तैयार हो गयी थी, जिनके हाथ में डिग्रीयां तो थीं, किन्तु पेट भरने को रोटी नहीं थी। नयी शिक्षा नीति 2024-25 में प्रारम्भ से ही बालक-बालिका को इतना सक्षम बनाया गया है कि वह रोजगार के लिये इधर-उधर भटकने को विवश नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा रोजगार नहीं दे सकती, तो हर स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में यह लिखवा देना चाहिये कि “यहाँ ज्ञान के तन्तु मिलते हैं, रोजगार का आश्वासन नहीं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में रोजगार कार्यालय के वरिष्ठ सहायक जीतेन्द्र, कार्डिनेटर रेखा जादौन, उप प्रधानाचार्या साजिया रफीक खान, संजय मिश्रा, प्रियंका वाष्र्णेय, मौ० दानेश, बबिता भारद्वाज, गिरीश वर्मा, ललिता पाठक, जीतू अरोरा, राजेन्द्र प्रसाद, सत्यवती आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन अंशिका गौतम ने किया। कार्यक्रम अन्त में विद्यालय की प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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