डिजिटलाइजेशन के नाम पर अव्यावहारिक ऑनलाइन उपस्थिति का शिक्षक संगठनों ने पुरजोर विरोध किया
शिक्षकों की समस्या संदर्भित मांगों को पूरा किए बिना डिजिटाइजेशन को लागू करना पूर्णता गलत है और किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं होगा
हाथरस । यूटा संगठन हाथरस के जिलाध्यक्ष द्वारा माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित ज्ञापन आज जिलाधिकारी हाथरस को दिया गया ।जिसमें सैकड़ो शिक्षकों ने भाग लिया और एक सुर में ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध किया। ऑनलाइन उपस्थिति की आड़ में शिक्षकों के आचरण को दुष्प्रचारित करने की मनसा का विरोध किया गया।
ऑनलाइन उपस्थिति से पहले वह दशाएं बनाई जाए जिसमें डिजिटाइजेशन का यह स्वरूप सफल हो सके केवल आदेश पारित कर देने से कार्य नहीं चलेगा महानिदेशक महोदया ने जहां 15 जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति की बात कही थी वही अपने ही आदेश का खंडन करते हुए 8 जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश पारित किया है। कोई भी शासनादेश भूतलक्ष्यी नहीं हो सकता फिर ऐसा क्यों ।जब तक शिक्षकों की समस्या संदर्भित मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध रहेगा और जिला स्तरीय विरोध प्रदेशस्तरीय विरोध में बदल जाएगा
यूटा संगठन के आव्हान पर जिले के समस्त शिक्षक संगठन ने संयुक्त मोर्चा गठित कर एक एकजूटता का परिचय दिया । ज्ञापन दिए जाने के समय जिला अध्यक्ष यूटा डॉ प्रदीप कुमार पुंडीर ,जिला महामंत्री हरि सिंह ,वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह महेश बघेल जिला उपाध्यक्ष, विष्णु राजपूत,राजवीर सिंह,सोहन सिंह, प्रीतम चौहान ,चंद्र प्रकाश गुप्ता, शशि शर्मा, राकेश, धर्मेन्द्र कुमार, सोहन सिंह,नरेंद्र मोहन, दिगम्बर सिंह, सुनील शर्मा आदि सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे
शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं से संदर्भित मांगे निम्नवत हैं
1-अन्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी वर्ष में 30 EL दी जाएं।
2- हॉफ CL का प्रावधान किया जाए।
3- महीने में चार दिन की देरी पर एक CL समायोजित की जाए।
4- विभागीय कार्य जैसे विद्यालय से सम्बंधित खाते के संचालन हेतु बैंक जाने, मिड-डे-मील की व्यवस्था करने इत्यादि हेतु विशेष अर्द्ध अवकाश की व्यवस्था की जाए अन्यथा छात्र हित में मिड डे मील की व्यवस्था से मुक्त रखा जाये।
5- आपात स्थिति यथा- आंधी,बरसात,बाढ़,जाम,राजनैतिक व धार्मिक आयोजन को लेकर मार्ग अवरुद्ध जैसी स्थिति में शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति से छूट प्रदान की जाए।
6- दशकों पुरानी स्वैच्छिक वार्षिक स्थानांतरण व्यवस्था को नियमित व सुचारू रखा जाए।
7- शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्यो जैसे- बीएलओ ड्यूटी, विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण व गणना, मिड-डे-मील बनवाने इत्यादि से पूर्णतया मुक्त रखने का स्पष्ट आदेश निर्गत किया जाए।
8- मा.उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में समस्त इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को उनके कार्य के अनुरूप प्रधानाध्यापक का वेतनमान दिया जाए।
9- प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद आवश्यक रूप से सृजित माना जाए।
10- प्रत्येक विद्यालय में स्थाई रूप से एक सफाईकर्मी व छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति हेतु एक ट्रेंड/प्रशिक्षित कम्प्यूटर ऑपरेटर-कम-लिपिक की नियुक्ति की जाए।