अपने दैनिक कार्यों व बोल चाल में हिंदी भाषा का प्रयोग करें : मुन्नालाल

विधिक साक्षरता शिविर में हिन्दी दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

हाथरस । श्री दाऊजी महाराज 111वॉ मेले में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में आज दिनांक 14.09.2022 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में हिन्दी दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष मृदुला कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के प्रभारी सचिव, सिविल जज(व0प्र0) मुन्नालाल की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा, जालिम सिंह, स्थायी लोक अदालत के सदस्य मनीष कौशिक, अधिवक्ता अजय भारद्वाज, कर्मचारीगण, पैनल अधिवक्तागण, पराविधिक स्वयं सेवक एवं जनता की उपस्थिति में सभी का आभार व्यक्त करते हुये सिविल जज(व0प्र0), प्रभारी सचिव मुन्नालाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आप सभी को आज हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। 14 सितंबर 1953 को राष्ट्रभाषा समिति की अनुशंसा पर हिंदी को राजभाषा का स्थान प्रदान किया गया था इस कारण प्रति वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह मात्र एक दिन का कोई उत्सव नहीं बल्कि प्रतिवर्ष एक संकल्प लेने का दिवस है कि हम यथासंभव अपने दैनिक कार्यों व बोल चाल में हिंदी भाषा का प्रयोग करें। ऐसा नहीं है कि हमारा किसी अन्य भाषा से विरोध हो, कदापि नहीं बल्कि मेरा तो ये मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में अपनी बोल चाल की भाषा के अतिरिक्त एक भाषा और सीखनी चाहिये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पदस्थ होने के उपरांत मेरा सदैव प्रथम प्रयास रहता है कि मैं हिंदी भाषा में ही निर्णय एवं पत्राचार करूँ। जहाँ तक न्यायालय की बात है तो न्यायालयों में उर्दू मिश्रित हिंदी का प्रयोग हमेशा से होता आ रहा है। अब तो माननीय उच्च न्यायालय में भी ऐसे कई माननीय न्यायमूर्ति महोदय हैं जो अपने निर्णय हिंदी भाषा में ही लिखते हैं। हमारे वर्तमान मुख्य न्यायमूर्ति माननीय राजेश बिंदल भी अपने भाषण हिंदी भाषा में ही देने को प्राथमिकता देते हैं। हिन्दी का प्रयोग करते हुये हमें गर्व होना चाहिए अन्य देशो में भी हमें अपनी मातृ भाषा का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दी की मद्द किसी और ने नहीं बल्कि हिन्दी की मद्द हिन्दी भाषी जनता ने की है। इसलिये हिन्दी पूरे विश्व में छायी हुयी है। उन्होंने कहा कि हिन्दी का प्रयोग पूरे विश्व में किया जाता है हिन्दी कभी दरबारी भाषा नहीं रही है।

मध्यस्थ, जिला मीडियेशन सेन्टर, हाथरस जालिम सिंह ने अपने वक्तव्य हिन्दी दिवस पर सभी को शुभकामनायें देते हुये हिन्दी को प्रोत्साहित करने में योगदान देने का आह्वान किया।
स्थायी लोक अदालत के सदस्य मनीष कौशिक द्वारा अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी एक ऐसी भाषा है जो अंग्रेजी के बाद तीसरे स्थान पर आती है और विश्व में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि साधारण शब्दों में बोलें तो हिन्दी जन-जन की भाषा है। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दी एक ऐसी भाषा है जिसके शब्द ही नहीं बल्कि इसके भाव भी दिल को छू लेते है।
अधिवक्ता अजय भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दी के प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि अन्य राज्यों में हिन्दी भाषा नहीं बोली जाती बल्कि फिल्म हिन्दी में ही देखते है। हिन्दी को बोलने में हमे गर्व होना चाहिए क्योकि हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा ने विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का सफल संचालन करते हुये कहा कि आजादी के बाद 14 सितम्बर, 1949 के दिन ही हिन्दी को देश की मातृ भाषा का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि हिन्दी दिवस मनाने का निर्णय 14 सितम्बर, 1953 में लिया गया उस दिन से प्रत्येक वर्ष हिन्दी दिवस मनाते आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दी हमारी दिल की भाषा है जो कश्मीर से कन्या कुमारी तक, संसद से लेकर सड़कों तक और साहित्य से लेकर सिनेमाघर तक सबसे बड़ा पुल बन कर सामने आती है।

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