विश्व होम्योपैथी दिवस पर विशेष- होम्योपैथि हानिरहित समूल रोग नाशक चिकित्सा पद्धति

१० अप्रैल होमोपथिक जगत की एक महत्वपूर्ण दिनांक है क्योंकि इसी दिन जन्म लिया था एक वैज्ञानिक ने जिसने जन्म दिया था एक ऐसी चिकित्सा पद्धति को जो आज पुरानी और लाइलाज बीमारियों को ठीक करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सन १७५५ में जर्मन में जन्मे इस महान वैज्ञानिक ने भारतीय शास्त्रों से लिए फार्मूले समं समः समयती के आधार पर होमियोपैथी नामक चिकित्सा पद्धति को जन्म दिया,जिस समय पूरा विश्व तरह तरह की बीमारियों से जूझ रहा था दवाओं के दुष्परिणाम भी गंभीर थे,मलेरिया नामक बीमारी के उपचार केलिए प्रयुक्त की जाने वाली कुनेन एकमात्र औषधि थी उसके भी दुष्परिणाम गंभीर थे उसके उपरांत भी पुनः संक्रमित होने की कोई गारंटी नहीं थी।चिकित्सा जगत परेशान था दवाएं भी निष्प्रभावी हो जाती थी। टी बी,प्लेग,छोटी बड़ी माता,खसरा,और भी अन्य बीमारियों का उपचार अच्छा नहीं था लोग उपचार के अभाव में मर जाते थे।
सन् १९७६ में डॉ सैमुअल क्रिश्चियन फेड्रिक हेनमैन ने सिमिलिया सिमिलीबस क्योरंटर सिद्धान्त पर होम्योपैथी का आविष्कार किया । होम्योपैथिक दवाओं को स्वस्थ व्यक्तियों को देकर उनके प्रभाव सूची बद्ध किए गए इतने समय उपरांत भी ये दवाएं आज तक निष्प्रभावी नहीं हुई। होमियोपैथिक दवाएं बहुत कम मात्रा देकर शरीर को ज्यादा लाभ पहुंचाने की यह अद्भुत चिकित्सा प्रणाली है।
होम्योपथिक दवाओं से प्रति वर्ष करोड़ो रोगीऐसे ठीक होते है जिन्हे आशा के सभी रास्ते बंद हो जाते है।होम्योपैथिक चिकित्सा की अहम बात यह है कि कम दवा से ज्यादा बीमारियों को ठीक किया जाता है। होम्योपैथी के अनुसार शरीर में सबसे पहले जीवनी शक्ति (वाइटल फोर्स) प्रभावित होता है उसके बाद मन तदोपरांत शरीर के अंग तथा अंगो से शरीर की क्रियाएं इसी क्रम में रोगी ठीक होता है ,इसलिए शरीर के कुछ लक्षण बहुत समय तक दिखाई पड़ते है जो असल बीमारी ठीक होने के कुछ समय बाद स्वतः ठीक हो जाते है।
वर्तमान समय में होमियोपैथी को चिकित्सा का सुप्रीम कोर्ट मा ना जाता है।
बहुत सी गंभीर बीमारियों में होमोयोपेथिक दवाएं राम वान सिद्ध होती है।कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में वैक्सीन की तरह ही कारगर रही है। जो लोग होमियोपैथी कि दवाएं खाते है वे बहुत कम बीमार होते है और कम समय में ठीक हो जाते है।
डॉ यू एस गौड़
(वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक)
चेयरमैन
साइंटिफिक कमेटी एच एम ए आई उत्तर प्रदेश।

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