जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किया कीट रोग सर्वेक्षण, बताए उपाय

हाथरस। निखिल देव तिवारी जिला कृषि रक्षा अधिकारी हाथरस द्वारा कीट/रोग सर्वेक्षण किया गया। उन्होने बताया कि जनपद में धान की फसल में बकानी/झण्डा/फुट रोट रोग के लक्षण कहीं कहीं पर दिखाई दे रहे है।। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बकानी रोग बासमती धान के पौधे में जिब्रैला फुजिकोराई (फ्यूजेरियम मोनिलिफोरमी) नामक फंगस से फैलता है। बाद में जडें सड जाती हैं। रोग का मुख्य कारण रोगग्रस्त बीज है जो इस रोग को नये क्षेत्रों में भी फैला देता है, इस रोग के कबक मुख्य रूप से बीज और मिट्टी के माध्यम से फैलते है, और यह रोग नर्सरी और रोपित पौंधों में होता है। इस फफूॅद के बीजाणु बीजों के अंकुरण के समय पोधों की जडों या तनों के जमीन के पास वाले भाग से आक्रमण करते है। इस रोग से प्रभावित धान के पौधों की वृद्धि सामान्य से अधिक हो जाती है। खेत में रोग से प्रभावित पौधें दूर से देखने पर अलग ही दिखाई देते हैं, बाद में जडें सड जाती हैं।

रोग नियन्त्रण के उपाय

हाथरस।रोगमुक्त एवं स्वस्थ बीज का प्रयोग करें। नाइट्रोजन (यूरिया) उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग न करें। खडी फसल में प्रोपीकोनाजोल 25 प्रति0 0.750 से 1 ली0 अथवा कार्बेन्डाजिम 12 प्रति0़ + मेंन्कोजेव 63 प्रति0डब्लू0पी0-0.750 से 1.00 कि0गा्र0 अथवा थायोंफिनेट मिथाइल 70 प्रति0 डब्लू0पी0 1 कि0ग्रा0 + स्ट्रेप्टों साइक्लिन 50ग्राम + ट्राईकोडर्मा हरजिनियम 2 प्रति0 डब्लू0पी0 की 5 किलोग्राम अथवा फिप्रोनिल 40 प्रति0 + इमीडाक्लोरोप्रिड 40 प्रति0 600-700 एम0एल0 प्रति हे0 की दर से 150 से 200 ली0 पानी में घोलकर छिडकाव करें।

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