हाथरस । दिनांक 16 जुलाई से 22 जुलाई 2020 तक मनाये जाने वाले भू-जल सप्ताह अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में लगातार जल स्तर गिरता जा रहा है। इसके बावजूद भी लोग लगातार पानी का दोहन करते हुये बर्बाद कर रहे है जो कि आने वाले भविष्य में एक बहुत बडी समस्या बन कर आगे आयेगी। भू-जल सप्ताह के दौरान आम जन मानस को जल संरक्षित करने, वर्षा के जल का संचयन करने तथा भू-गर्भ में मौजूद जल का दोहन कम करने हेतु कार्यक्रमों के माध्यम से जगरूक करने के दिशा निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दियें। जल संचयन तथा जल संसाधनों के संरक्षण के उचित प्रबंधन एवं वर्षा जल संचयन हेतु सभी विभागो को आपसी समन्वय स्थापित करने एवं कार्ययोजना बनाते हुयें आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सरकारी भवनो, प्रईवेट स्कूलों, प्राईवेट अस्पतालो, औद्योगिक इकाइयों में रेन वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित कराना सुनिश्चित करें साथ ही कालोनियों, नगर निगम के पार्क तालाब सहित निजी अवासों में भी रेन वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम लगाने हेतु लोगो को जागरूक करने को कहा। उन्होने सभी ग्राम पंचायतों में सोकपिट का निमार्ण कराने के निर्देश दियें। जिलाधिकारी ने कहा कि खेतो की मेड बन्दी, नहरो में चेकडैम निर्माण करने के साथ तालाबों की खुदाई और सफाई आदि कार्यो को कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव के छोटे तालाबों को पुनर्जीवित करने के साथ बडे तालाबो को चिहिन्त कर आस पास के ग्रामीणों के जल संचयन के लिये जागरूक करने के निर्देश दिये ताकि वह घरो में सोकपिट बनाकर वर्षा जल संचयन करे साथ ही उन्होने किसानों को भी खेतों की सिंचाई के लिये सूक्ष्म सिचाई तकनीको का इस्तेमाल करने का आवाहन किया। उन्होने कहा कि भूगर्भ के जल के संचयन हेतु प्रत्येक ग्रामों, शहरों में वर्षा जल का रिचार्ज किये जाने की पद्धति को अपनाना नितांत आवश्यक है। इसके लिए हम सभी को अपने अपने घरों के छतों, सरकारी बिल्डिगों से प्राप्त होने वाले वर्षा जल को सतही जल के रूप में संग्रहण की व्यवस्था करनी होगी। जिलाधिकारी ने लघु सिचाई विभाग को भूजल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के उद्देश्य से चैकडैम निर्माण एवं तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य कराने के निर्देश दिये।
सहायक अभियन्ता लघु सिंचाई ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद हाथरस में कुल 04 तहसील 07 विकास खण्ड है। जनपद का कुल क्षेत्रफल 1840 वर्ग0 किलोमीटर है, व प्रतिवेदित क्षेत्रफल 148675 हैक्टयर है तथा कुल सिंचित क्षेत्रफल 143951 हैक्टर है। जिसमें से 138002 हैक्टेयर निजी नलकूपांे से सिंचित है। भूगर्भ जल ससाधनांे के 31 मार्च 2017 पर आधारित आकंलन के अनुसार प्रमुख सचिव लघु सिचाई एवं भूगर्भ जल अनुभाग-1 उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार जनपद के विकास खण्ड मुरसान, सहपऊ, सासनी को अतिदोहित श्रेणी व विकास खण्ड हाथरस को क्रिटिकल श्रेणी तथा विकास खण्ड सादाबाद एवं सि0राऊ को सेमीक्रिटिकल श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी, परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्रा, जिला विकास अधिकारी अवधेश कुमार यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक सुनील कुमार, बीएसए मनोज कुमार मिश्र, जिला कृषि अधिकारी डिपिन कुमार, एक्सीयन जल निगम तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।