राजस्व, स्टाम्प व फौजदारी एवं अन्य मामलों के अधिक से अधिक वादों को निस्तारण करने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये

हाथरस । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेशानुसार माननीय जनपद न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह-प्रथम के निर्देशानुसार दिनांक 11.09.2021 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वाधान में किया जायेगा। जिसमें अधिक से अधिक वादों के निस्तारण हेतु अनुराग पंवार, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय लोक अदालत की अध्यक्षता में एक बैठक दोपहर 1.00 बजे से प्रशासनिक अधिकारीगण के साथ सम्पन्न हुई, जिसमें प्रशासन की ओर से जे0पी0 सिंह अपर जिलाधिकारी हाथरस, श्रीमती अंजली गंगवार उप जिलाधिकारी सादाबाद, विजय कुमार शर्मा उप जिलाधिकारी सासनी, मनोज कुमार सिंह उप जिलाधिकारी सिकन्द्राराऊ, विपिन कुमार शिवहरे उप जिलाधिकारी हाथरस, प्रवीन कुमार तहसीलदार हाथरस, एस0पी0 शाक्य जिला पूर्ति अधिकारी हाथरस, देवेन्द्र कुमार अधिशासी अधिकारी नगर पालिका हाथरस एवं उप सम्भागीय परिवहन अधिकारी हाथरस उपस्थित रहे। माननीय अपर जनपद न्यायाधीश/नोडल अधिकारी अनुराग पंवार द्वारा उपस्थित सभी प्रशासनिक अधिकारीगण से राष्ट्रीय लोक अदालत दिनाॅंक 11.09.2021 में राजस्व, स्टाम्प व फौजदारी एवं अन्य मामलों के अधिक से अधिक वादों को निस्तारण करने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होंने सभी प्रशासनिक अधिकारीगण से यह भी अपेक्षा की गयी है कि पक्षकारों को सुलह-समझौता के आधार पर वादों को निस्तारण कराने के सम्बन्ध में उत्प्रेरित करें।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस श्रीमती चेतना सिंह ने बैठक में उपस्थित सभी प्रशासनिक अधिकारीगण से राष्ट्रीय लोक अदालत में अपना पूर्ण सहयोग करने एवं अधिवक्तागण से सामजस्य स्थापित करते हुये अधिकाधिक वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में सभी आवश्यक कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा की गई। उन्होंने अपर जिलाधिकारी/नोडल अधिकारी प्रशासन से अपेक्षा की कि वह अपने स्तर से समस्त प्रशासनिक अधिकारीगण को निर्देशित करें कि इस राष्ट्रीय आयोजन को सफल बनाने में अथक प्रयास करें। सचिव ने जनता से कोविड-19 को ध्यान में रखते हुये सामाजिक उचित दूरी व कोविड-19 से सम्बन्धित माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद व केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुये अपील की कि राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 11.09.2021 में अपने वाद को निस्तारण हेतु वादी एंव प्रतिवादीगण स्वंय अथवा अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में नियत कराकर लोक अदालत का लाभ उठायें।

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