हाथरस से विशाल युवा दल के साथ शामिल हुए डॉ. विकास शर्मा, गौमाता को ‘राजमाता–राष्ट्रमाता’ घोषित करने की मांग हुई प्रबल
वृंदावन/हाथरस। धीरेंद्र शास्त्री महाराज द्वारा आयोजित सनातन हिंदू एकता यात्रा का भव्य समापन दिनांक 16/11/25 को श्रीधाम वृंदावन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूरे भारत से आए संत, महंत, साधू-सन्यासियों एवं हजारों सनातन प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
समारोह में डॉ. विकास कुमार शर्मा (डायरेक्टर – फोकस ग्रुप) ने गुरु भाई श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की उपस्थिति में जगतगुरु परम श्रद्धेय रामभद्राचार्य महाराज जी से गुरु दीक्षा एवं यज्ञोपवीत संस्कार प्राप्त किया। इस दौरान विभिन्न प्रतिष्ठित संतों—जगद्गुरु श्री जय महाराज जी, मृदुल कृष्ण गोस्वामी महाराज जी, कृष्णचंद्र ठाकुर महाराज जी, पुंडरीक महाराज जी, ठाकुर देवकीनंदन महाराज जी, इंद्रेश उपाध्याय महाराज जी, अनिरुद्धाचार्य महाराज जी, सुकृतलाल महाराज जी सहित सैकड़ों सनातन धर्म गुरुओं—का दर्शन और आशीर्वाद लेने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ।
डॉ. विकास शर्मा के साथ हाथरस से पाँच बसों द्वारा पहुँचे सैकड़ों युवा—राहुल कौशिक, मीनू शर्मा, विशाल सारस्वत, श्रेय शर्मा, सोनू, अमित, कौशल, रानू, विवेक, रवि, अंकित, राजा, रामपाल, कपिल, हेमंत, यश, अनिल, दिलीप, चेतन शर्मा, रमेश, सुरेश, भरत, वैभव, ललित, उमेश, पंकज, हिमांशु, प्रभात, सुनील सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता—यात्रा में सम्मिलित हुए। मार्गभर विभिन्न स्थानों पर पुष्पमाला, पटका एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
गुरुदीक्षा के उपरांत डॉ. विकास कुमार शर्मा ने कहा कि संतों के दर्शन एवं आशीर्वाद से उनका जीवन धन्य हो गया है। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि गुरुभाई धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के आदेशों, प्रवचनों तथा भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न राज्यों में गौमाता को ‘राजमाता’ और ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करने की मांग भी प्रमुख रही। डॉ. शर्मा ने बताया की महाराष्ट्र सरकार ने गाय को राजमाता घोषित किया है। जब कि उत्तराखंड में प्रस्ताव लंबित है वही उत्तर प्रदेश भी इस दिशा में विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर के गौसेवक एवं प्रवासी भारतीय भी यह मांग उठा रहे हैं कि भारत सरकार गौमाता को राष्ट्रमाता तथा राज्यों में राजमाता घोषित करे।
यात्रा का यह समापन समारोह भक्ति, उत्साह एवं सनातन एकता का अद्भुत संगम बनकर सम्पूर्ण प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है।