कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) संचालकों से संगठनों में अधिक से अधिक कृषकों की भागीदारी बढ़ाने के निर्देश
हाथरस । जिलाधिकारी अर्चना वर्मा द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन, कृषि अवस्थापना निधि योजना एवं कृषि निर्यात नीति 2019 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक करते हुए मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को समन्वय स्थापित करते हुए योजनाओं का सफल संचालन करने निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को जनपद में गठित कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) संचालकों को बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध कराये जाने हेतु योजनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी उपलब्ध कराने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। साथ ही साथ उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जनपद में संचालित संगठनों की जाँच करते हुए प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) संचालकों से संगठनों में अधिक से अधिक कृषकों की भागीदारी बढ़ाने के निर्देश दिए। जिससे कि कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के साथ साथ कृषकों की भी आय में वृद्धि हो सके और शासन की मंशा भी पूर्ण हो सके।
ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक अलीगढ़ वी0पी0 सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उ०प्र० व्यापार के द्वारा कृषि निर्यात नीति- 2019 लागू की गई थी। जनपद हाथरस में अमरूद एवं आलू कलस्टर हेतु चिन्हांकित है। उन्होंने बताया कि निर्यात हेतु कलस्टर निर्माण प्रोत्साहन 50 से 100 है0 तक 10 लाख रूपये। कलस्टर का क्षेत्रफल 50 है० बढ़ने पर 06.00 लाख रूपये की बढोत्तरी अनुमन्य होगी। प्रथम वर्ष में 40 प्रतिशत उसके पश्चात् 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष आगामी 04 वर्ष निर्यात होने पर देय होगा। कलस्टर के निकट स्थापित की जाने वाली नवीन प्रसंस्करण इकाईयों के लिए निर्यात आधारित प्रोत्साहन व्यवस्था नई प्रसंस्करण इकाई/पैक हाउस/ शीतगृह/राइपैनिंग चैम्बर निर्माण हेतु निर्यात के टर्नओवर के 10 प्रतिशत अथवा 25 लाख जो भी कम हो निर्यात प्रारम्भ करने से 05 वर्षों तक से दिया जायेगा। कृषि उत्पाद को मौलिक अथवा प्रसंस्कृत रूप में न्यूनतम 40 प्रतिशत निर्यात करना होगा। परिवहन अनुदान- वायु, जल मार्ग से निर्यात करने पर 10 रू. प्रति कि०ग्रा० अथवा वास्तविक भाड़े का 25 प्रतिशत, जो भी कम हो। रेल मार्ग/सड़क मार्ग से निर्यात करने पर 05रू. प्रति कि०ग्रा० अथवा वास्तविक भाड़े का 25 प्रतिशत, जो भी कम हो। परिवहन अनुदान मद में प्रतिवर्ष अधिकतम 10 लाख रूपये प्रति निर्यातक/फर्म देय होगा। निर्यात कृषि उपज पर मण्डी शुल्क एवं विकास सेस से छूट 5 वर्षो तक देय होगी।
बैठक के दौरान उप कृषि निदेशक ने योजनाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी तथा जनपद में गठित कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी।
बैठक के दौरान जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक उपायुक्त उद्योग, सहायक खाद्य एवं विपणन अधिकारी, प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी, कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), कृषक बंधु तथा अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
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