वीरांगना” झलकारी बाई के बलिदान को सदैव याद रखेगा भारतवर्ष :वीरेन्द्र माहौर,191 वाँ जन्मोत्सव मनाया

हाथरस। महान स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना झलकारी बाई का 191 वाँ जन्मोत्सव आइयापुर कलाँ में माहौर बस्ती में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घरों को दीपों से सजाया गया एवँ मिष्ठान्न का वितरण किया गया। वक्ताओं ने वीरगाथाओं का गान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वार्ड 13 के सभासद वीरेन्द्र माहौर ने वीरांगना झलकारी बाई के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर एवँ पुष्प अर्पित कर किया। उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी झलकारी बाई को उनकी जयंती पर शत-शत नमन करते हुये कहा कि झलकारी बाई ने 1857 के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने बचपन में ही हथियार चलाना और घुड़सवारी सीख ली थी। जब रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ हुंकार भरी तो अंग्रेजों ने झांसी पर हमला कर दिया। विषम परिस्थितियों में झलकारी बाई ने अंग्रेजों को युद्ध के मैदान में उलझाए रखने के लिए रानी लक्ष्मीबाई की तरह वेश धरकर अंग्रेजों के सामने यह कहकर आत्मसमर्पण किया कि वह रानी लक्ष्मीबाई हैं। हालांकि कुछ ही देर बाद अंग्रेज हकीकत जान गए और झलकारी बाई को गिरफ्तार कर लिया गया।झांसी की रानी की रक्षा करते हुए उन्होंने बहादुरी से लड़ाई लड़ी। देश के लिए इस “वीरांगना” का दिया गया बलिदान भारत वर्ष सदैव याद रखेगा। अंत मे कार्यक्रम संयोजक सचिन माहौर ने सभी का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर रूप किशोर माहौर ,राहुल माहौर , छोटू माहौर ,मनीष कोली , हरीश माहौर ,अनिल कुमार ,पूरन चंद्र ,विशाल माहौर ,कमल किशोर ,रवि माहौर , विवेक कुमार , आदि मौजूद रहे।

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