बी0एल0एस0 इंटर नेशनल स्कूल तथा सेठ फूलचंद बांग्ला डिग्री कॉलेज में प्रबुद्धजन श्री राधेश्याम मिश्र से0नि0 आई0ए0एस0, श्री देवेन्द्र सिंह से0नि0, मुख्य अभियंता यू0पी0पी0सी0एल व मुख्य विकास अधिकारी पी0एन0 दीक्षित ने शिक्षाविदों, प्रधानाचार्योें, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं से विचार-विमर्श कर सुझाव प्राप्त करते हुए मार्गदर्शन दिया।
हाथरस । समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान के अंतर्गत आज द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में शासन द्वारा नामित प्रबुद्धजनों श्री राधेश्याम मिश्र से0नि0 आई0ए0एस0, श्री देवेन्द्र सिंह से0नि0, मुख्य अभियंता यू0पी0पी0सी0एल, मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति में बी0एल0एस0 इंटर नेशनल स्कूल तथा सेठ फूलचंद बांग्ला डिग्री कॉलेज में शिक्षाविदों, प्रधानाचार्योें, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं के सुझाव प्राप्त हेतु विचार-विमर्श एवं संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रबुद्धजनों, मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण किया। इस मौके पर विद्यालय/स्कूली छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के दौरान नामित प्रबुद्धजन श्री राधेश्याम मिश्र ने कहा कि विकसित भारत @2047 मा0 प्रधानमंत्री जी की एक दूरदर्शी पहल है। जिसके तहत मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया गया है। मा0 मुख्यमंत्री जी ने सुशासन, नारी शक्ति को प्रबल बनाने, सभी को समान अवसर प्रदान करने और एक समर्थ एवं विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण मुहिम प्रारंभ की है। वर्ष 2047 में जब हमारी आज़ादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे, उस समय हम कैसा भारत चाहते हैं, यह आज की युवा पीढ़ी की परिकल्पना और प्रयासों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की महती भूमिका होगी। आने वाले समय की बागडोर हमारी युवा पीढ़ी के हाथों में होगी, और 100 वर्षों की स्वतंत्रता के उपरांत भारत के विकास का स्वरूप उनके ज्ञान, तकनीकी दक्षता और संसाधनों पर आधारित होगा। हमारे लिए गर्व का अवसर है कि हम अभी से भविष्य की तैयारी कर रहे हैं। वर्तमान में नीति आयोग और एसडीजी के 17 लक्ष्यों के माध्यम से योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इन लक्ष्यों की भी 2047 तक महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। वर्तमान में हम 3 थीम और 12 सेक्टर पर आधारित सतत कार्यक्रमों के माध्यम से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2047 तक प्रत्येक भारतीय विश्व स्तर पर शिक्षा, प्रौद्योगिकी और समान अवसरों से युक्त हो तथा जनसंख्या के अनुपात में वैश्विक साझेदारी और भागीदारी सुनिश्चित कर सके। इसी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु हमारी आर्थिक व्यवस्था, सामाजिक कल्याण की नीतियां, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण आधार स्तंभ होंगे। उन्होंने कहा कि आज की बदलती परिस्थितियों में नई प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बैठाना, क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों का समाधान, आईटी सेक्टर की प्रगति, और बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेष ध्यान देना होगा। मानसिक स्वास्थ्य की समस्या वैश्विक स्तर पर गंभीर रूप से चिन्हित की गई है, इसलिए इस दिशा में भी विशेष कार्यक्रम चलाए जाने आवश्यक हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए और विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप प्रगति करते हुए 2047 तक ‘समृद्ध उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश’ के रूप में स्थापित होगा। उत्तर प्रदेश ने आज अनेक क्षेत्रों में देश और विश्व स्तर पर अग्रणी स्थान प्राप्त किया है और आगे भी यह प्रगति निरंतर जारी रहेगी।
कार्यक्रम के दौरान शिक्षाविदों, प्रधानाचार्योें, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किये गये विचारों पर मुख्य विकास अधिकारी ने मार्गदर्शन देते हुए कहा कि समृद्ध उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान के तहत तीन प्रमुख थीमों अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति से जुड़े 12 प्रमुख सेक्टर जैसे कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आई0टी0 एवं उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन को लिया गया है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से कहा कि वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश और अपने जनपद को किस रूप में देखना चाहते हैं। उसके आधार पर सेक्टर का चयन करते हुए क्यूआर कोड के माध्यम से अपने सुझाव अधिक से अधिक दें और सभी विषयों पर प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य के विकास की दीर्घकालिक रणनीति तय करने के साथ ही विकसित उत्तर प्रदेश के संकल्प को साकार किया जा सके। इस मौके पर उपस्थित शिक्षाविदों, प्रधानाचार्योें, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं ने शपथ ली कि भारत/उत्तर प्रदेश को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र/राज्य बनाने के सपने को साकार करेगें। गुलामी की मानसिकता को जड़ से उखाड़ फेकेंगें, देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करेंगे, उत्तर प्रदेश की एकता को सुदृण करेंगे, देश की रक्षा करने वालों का सम्मान करेंगे। नागरिक होने का कर्तव्य निभायेंगें।
कार्यक्रम के दौरान विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 को साकार करने हेतु शिक्षाविदों, प्रधानाचार्योें, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं ने शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, यातायात व्यवस्था, पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा दिये जाने पर अपने-अपने विचार साझा किये।
इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, संस्थापक/प्रधानाचार्य/शिक्षक/शिक्षिकाऐं बी0एल0एस0 इंटर नेशलन स्कूल, महाविद्यालयों/विद्यालयों के प्रधानाचार्य/शिक्षक/शिक्षिकाऐं एवं छात्र-छात्राऐं आदि उपस्थित रहे।