अभिमान को नष्ट करना ही उत्तम मार्दव धर्म , जैन धर्म में चल रहे दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन श्रद्वालुओं ने की श्री महावीर दिगम्बर मन्दिर चैत्यालय में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा

जिनेन्द्र जैन
हाथरस। जैन धर्म में चल रहे दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन श्री महावीर दिगम्बर मन्दिर चैत्यालय बजरिया में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की गयी सुबह श्रद्वालुओं ने भगवान महावीर का जल अभिषेक कर उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की उत्तम मार्दव का अर्थ है अपने अभिमान को नष्ट करना। इंसान जिन मान अभिमान में अपने आप को सर्वाेपरि समझता है, उस मान पर विजय प्राप्त करना ही मार्दव धर्म है। मन, वचन की सरलता ही आर्जव धर्म है। अपने को ऊंचा दिखाने का भाव ही माया है। इसके बाद संगीतमय पूजा का आयोजन किया गया। इस दौरान सुमत प्रकाश जैन, प्रदीप जैन, राजकुमार जैन,अतुल कुमार जैन, अमित जैन, अजय जैन,अनिल जैन, मोनू जैन, डिम्पल जैंन, जिनेन्द्र जैन, धीरज जैन, श्रेयांश जैन, दीपक जैन, सोनू जैन,सम्भव जैन सुब्रत जैन, संयम जैन, रंजना जैन, मन्जू जैन,सुमनलता जैन,स्नेहलता जैन, सुनीता जैन, शोभा जैन प्रीति लुहाडिया,कमलेश जैन अर्चना जैन, प्रतिभा जैन, पायल जैन, मन्जू जैन, सुनीता, ममता जैन, गुनगुन जैन, रिधिमा जैन, आस्था जैन, अदीति जैन, राजेश जैन, अनिल, संजीव, प्रशांत व शैलेश जैन आदि लोग मौजूद रहे

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