जिले को मिली 11923 मी.टन डीएपी

हाथरस । आर0के0 सिंह, जिला कृषि अधिकारी द्वारा कृषक भाइयों को सूचित किया जाता है कि शासन से रबी 2023-24 के डीएपी 23072 मी.टन के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं, माह नवम्बर, 23 तक 18535 मी.टन का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 11923 मी.टन डीएपी की जनपद में आपूर्ति हुयी है। 9233 मी.टन डीएपी का वितरण हो चुका है। जनपद में कृषकों द्वारा 85 प्रतिशत आलू की बुवाई का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। दिनांक 01.11.2023 तक मोजेक, एनएफएल, आईपीएल की रेक अलीगढ, बुलन्दशहर, एटा में लग गयी है, जिससे जनपद को 1640 मी.टन डीएपी की आपूर्ति हो चुकी है। दिनांक 04.11.2023 को कृभको डीएपी की रेक एटा रेल हेड पर लगेगी, जिससे 200 मी.टन डीएपी को कृभको सेन्टर सादाबाद, सासनी, सिकन्दराराऊ को प्रेषित किया जायेगा। दिनांक 06.11.2023 को आईपीएल डीएपी की रेक अलीगढ एवं आगरा रेल हेड पर लगना प्रस्तावित है, जिससे जनपद को 600 मी.टन डीएपी की आपूर्ति होगी। कान्डला पोर्ट पर इफको डीएपी का इन्डेन्ट लग गया है, लोडिंग होने के बाद 04 से 05 दिन में हाथरस किला रेक प्वाइन्ट पर लग जायेगी। जिलाधिकारी द्वारा सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक प्रतिष्ठानों पर उपलब्ध खाद के वितरण एवं सतत् निगरानी हेतु केन्द्रवार/विकासखण्डवार/तहसीलवार कर्मचारियों एवं अधिकारियों की ड्यूटी लगायी है।
समस्त उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि स्टॉक पंजिका, विक्रय पंजिका तथा रसीद अनिवार्य रूप से रखी जाये या ऐसे प्रारूप में डिजिटल स्टॉक रजिस्टर, जो तिथिवार स्टॉक की स्थिति, आरम्भिक अवशेष, दिन के दौरान प्राप्तियां, दिन के दौरान विक्रय और अंतिम स्टॉक को स्पष्टः प्रदर्शित करता हो, का होना आवश्यक है। थोक/फुटकर उर्वरक विक्रेताओं तथा उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरकों की उर्वरकवार बिक्री दर तथा स्टॉक का अंकन रेट एवं स्टॉक बोर्ड पर प्रतिदिन अंकित किया जाये। साथ ही कृषक की मांग के अनुसार ही जिंक, जाइम, सल्फर, माइक्रोन्यूट्रिएन्ट आदि उत्पाद कृषकों को उपलब्ध कराये। यूरिया, डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करने तथा निर्धारित दरों से अधिक बिक्री करने पर उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
कृषक भाइयों से अनुरोध है कि आलू की फसल में 04 बैग, गेंहॅूं की फसल में 03 बैग, सरसों की फसल में 02 बैग प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता है, अधिक डीएपी डालने पर जमीन में 30 प्रतिशत ही उपयोग में आता है, बाकी भूमि में अघुलनशील रूप में पड़ा रह जाता है। आलू में एनपीके (12-32-16) 05 बैग की आवश्यकता होती है। उर्वरक बिक्री केन्द्रो पर उपलब्ध एनपीके (16ः16ः16, 20ः20ः0ः13, 14ः28) का प्रयोग डीएपी के स्थान पर कर सकते हैं। सहकारी समितियों पर उपलब्ध नेनो डीएपी का उपयोग आलू बीज शोधन में किया जा सकता है। उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरक खरीद करते समय आधार कार्ड, जमीन की खतौनी की छायाप्रति अवश्य लेकर जाये। उर्वरक के सम्बन्ध में किसान भाइयों की समस्याओं के निस्तारण हेतु जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में कन्ट्रोल रूम के मोबइल नम्बर 8126556290 एवं 9410290381 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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