राजकीय महिला शरणालय, मथुरा का ऑनलाइन वीडियो क्रान्फ्रेसिंग के माध्यम से निरीक्षण एंव विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन

हाथरस । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में मा0 जनपद न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह-प्रथम के आदेशानुसार कोविड-19 महामारी को देखते हुये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वावधान में राजकीय महिला शरणालय, मथुरा का ऑनलाइन वीडियो क्रान्फ्रेसिंग के माध्यम से निरीक्षण एंव विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन श्रीमती चेतना सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की अध्यक्षता में किया गया। सचिव द्वारा राजकीय महिला शरणालय, मथुरा की अधीक्षिका से निरूद्ध महिला संवासिनियों के बारे में उनके खान-पान से सम्बन्धित बातें पूछी तथा स्वास्थ्य व स्वच्छता एवं कोविड-19 की जॉच आदि के बारे में वार्ता की। अधीक्षिका द्वारा अवगत कराया गया है कि संवासिनियों की स्वास्थ्य की जॉच नियमित रूप से करायी जाती है, सभी संवासिनियों को कोविड-19 से बचाव हेतु मास्क, साबुन, सैनेटाईजर आदि का प्रयोग करने के लिए समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है। निरीक्षण के समय सचिव द्वारा जनपद हाथरस से सम्बन्धित संवासिनीयों के सम्बन्ध में जानाकरी ली गयी तो उनके द्वारा अवगत कराया गया है कि जनपद हाथरस से सम्बन्धित कोई भी संवासिनी राजकीय महिला शरणालय में निरूद्ध नहीं है। अन्य जनपदों से सम्बन्धित संवासिनियों से वार्ता कर उनका हाल-चाल एवं भोजन के सम्बन्ध में जानकारी की गयी। अधीक्षिका को यह भी निर्देश दिये गये कि माननीय उच्च न्यायालय एवं केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें तथा संवासिनियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करायें।
इसके अतिरिक्त सचिव, ने शिविर में उपस्थित महिला संवासिनियों को जानकारी देते हुये बताया कि यदि उनके मुकदमें में उनकी पैरवी हेतु अधिवक्ता नही है तो वह एक प्रार्थना पत्र सम्बन्धित जिले के सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अधीक्षिका के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकती है और विधिक जानकारी हेतु प्रत्येक माह संरक्षण गृह का निरीक्षण किया जाता है। महिला संवासिनियों को उनके अनुकूल विधिक सेवाओं की जानकारी देते हुयेे कहा कि अपनी अथवा दूसरे की गलतियों को नहीं छिपाना चाहिए। उन्होने कहा कि किसी भी समस्या के लिये कोई भी व्यक्ति सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवेदन देकर विधिक सहायता प्राप्त कर सकता हैै।

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