अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने करणी सेना के साथ मिलकर मनाई पृथ्वीराज चौहान की जयंती

हाथरस। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा एवँ करणी सेना ने वीर क्षत्रिय सम्राट पृथ्वीराज चौहान की 855 वीं जयंती धूमधाम से मनाई। वक्ताओं ने उनके वीरता के प्रसंग बताते हुये उन्हें कुशल योध्या बताया। पृथ्वी राज चौहान को शब्दभेदी बाण में महारत हासिल थी।उनकी वीरता से हमें प्रेरणा लेनी चाहिये।
हाथरस के सिकंदराराऊ में पंत चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर एवँ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष ठाकुर जोगेन्द्र सिंह ने जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पृथ्वी राज चौहान अंतिम हिंदू राजा थे उन्होंने 13 वर्ष की अवस्था में शासन की बागडोर को अपने हाथों में लिया और अजमेर से लेकर दिल्ली तक अपना साम्राज्य स्थापित किया बचपन से ही वे एक कुशल योद्धा थे उन्हें शब्दभेदी बाण में महारत हासिल थी उन्होंने सत्तरह बार मोहम्मद गौरी को युद्ध में परास्त कर उसे क्षमा करते हुए जीवन दान दिया लेकिन अट्ठारहवीं बार जयचंद द्वारा मोहम्मद गौरी का साथ दिए जाने से उन्हें युद्ध क्षेत्र में परास्त होना पड़ा इसी कारण गौरी उन्हें बंदी बनाकर अपने साथ ले गया मोहम्मद गौरी ने सजा के तौर पर सलाखों से पृथ्वीराज चौहान की दोनों आंखे फुड़वा दीं चन्द्रवरदाई पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और राजकवि भी थे चन्द्रवरदाई ने पृथ्वीराज के शब्दभेदी वाण के चलाने की प्रशंसा करते हुए मोहम्मद गौरी से उनके कला प्रदर्शन की इच्छा जाहिर की तो गौरी ने उनकी कला को देखने के लिए एक आयोजन की आज्ञा दे डाली उसी आयोजन में चन्द्रवरदाई द्वारा “चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण
 ता ऊपर सुल्तान है मत चूको चौहान” ये पंक्तियां सुनाई गई तो जैसे ही गौरी के शाबास शब्द बोला पृथ्वीराज द्वारा शब्दभेदी बाण चलाकर उसे मार डाला गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला महामंत्री ठाकुर हरीश सेंगर , करणी सेना जिलाध्यक्ष रविन्द्र टाइगर , उपाध्यक्ष अक्षय ठाकुर ,टिंकू राना ,देवेंद्र तोमर ,करना ठाकुर मोहरी , सुरेंद्र सिंह पौरुष ,प्रदीप सिंह , सोहन सिंह ,रवि प्रताप सिंह ,प्रमोद सेंगर आदि मौजूद रहे।

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