एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना में अधिक कृषकों को करें लाभांवित :डीएम

हाथरस । जिला औद्यानिक मिशन के अन्तर्गत एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना की जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में करते हुए जिलाधिकारी आशीष कुमार ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से अधिक से अधिक कृषकों को लाभांवित करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभागीय योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक कृषकों को लाभांवित किये जाने हेतु योजनाओं का प्रचार प्रसार कराने एवं लाभ प्राप्त कर रहे कृषकों को प्रशिक्षण हेतु अंर्तजनपदीय/अंर्तराज्जीय भ्रमण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने एलडीएम को बैंक स्तर पर लंबित प्रकरणों के निस्तारण हेतु संबंधित बैकों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रकरणों का निस्तारण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से जनपद के नये कृषकों को जोड़ने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह ने गत वर्ष प्राप्त लक्ष्यों के सापेक्ष कृत कार्यवाही के संबंध में अवगत कराते हुए बताया कि जिला औद्यानिक मिशन योजना के अन्तर्गत अमरूद की खेती में सामान्य में 07है०, अनुसूचित जाति में 2है0 जिसमें सामान्य में. 07 कृषक, अनुसूचित में 03 कुल 10 कृषकों को लाभान्वित किया गया। जामुन में सामान्य 4 है० तथा अनुसूचित जाति में 1 है। जिसमें सामान्य में 3 कृषक, सामान्य एवं अनुसूचित जाति में 12 कृषक कुल 05 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। ऑवला में सामान्य जाति में 2 है० अनुसूचित जाति में 180 कुल 03 है० जिसमें से सामान्य जाति के 04 कृषक एवं अनुसूचित जाति के 01 कुल 05 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। रखरखाव द्वितीय वर्ष कार्यक्रम के अन्तर्गत अमरूद द्वितीय वर्ष की खेती में सामान्य में 12 है० तथा अनुसूचित जाति में 5 है० जिसमें सामान्य में 11 कृषक तथा अनुसूचित जाति में 08 कृषक इस प्रकार कुल 19 कृषकों को लाभान्धित किया गया है, ऑवला में सामान्य में 2 है० जिसमें कृषकों की संख्या-02, अनुसूचित जाति में 1 है० जिसमें कृक्षकों की संख्या 01 को लाभान्धित किया गया, तथा जामुन में सामान्य में 5 है० तथा अनुसूचित जाति में 05 है जिसमें से सामान्य जाति के कुल 07 कृषकों को एवं अनुसूचित जाति के 13 कुल 20 कृषकों को लाभान्वित किया गया। रखरखाव तृतीय वर्ष कार्यक्रम के अन्तर्गत अमरूद तृतीय वर्ष की खेती में सामान्य में 05 है। जिसमें किसानों की संख्या-08 तथा अनुसूचित जाति में 5 है० है जिसमें किसानों की संख्या 05 है. कुल 13 किसानों को लाभान्वित किया गया है। ऑवला अनुरक्षण में सामान्य में 5 है०. जिसमे कृषकों की संख्या 05, एवं अनुसूचित जाति हेतु 1 है. जिसमें 02 कृषकों को कुल 07 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। शाकभाजी क्षेत्र विस्तार में शंकर लौकी में 60.06 है० जिसमें सामान्य में 45.06 है० तथा कृषकों की संख्या 57. अनुसूचित जाति में 15 है० तथा कृषकों की संख्या-30, टमाटर में सामान्य में 13.86 है0 जिसमें कृषकों की संख्या-13, शंकर पातगोभी में कुल 18.88 है० जिसमें कृषकों की संख्या-17, खीरा की खेती में सामान्य में कुल 15 है० जिसने कृषकों की संख्या-19, तथा अनुसूचित जाति में 10 है० जिसमें 17 कृषक, मसाला मिर्च में 7.2 है। जिसमें 19 कृषकों को लाभान्वित किया गया। पुष्प क्षेत्र विस्तार (गेंदा-पूसा नारंगी) कार्यक्रम में लघु सीमान्त सामान्य में 10 है० जिसमें लघु सीमान्त किसानों की संख्या कुल संख्या 09 तथा सामान्य में 05 है० जिसमें कृषकों की संख्या 07 इस प्रकार कुल 16 कृषको को लाभान्ति किया गया है तथा अनुसूचित जाति में 5 है० जिसमें कि 05 किसानों को लाभान्वित किया गया। मसाला क्षेत्र विस्तार में प्याज की खेती में सामान्य में 40 है० जिसमें कृषकों की संख्या 54 तथा अनुसूचित जाति में 1080 जिसमें कृषकों की संख्या 13 है, इस प्रकार कुल 67 कृषकों को लामान्वित किया गया है। मौनपालन के क्षेत्र में कुल यूनिट 07 जिसमें किसानों की संख्या 07 है। सामान्य जाति के कृषक कुल 03 कृषक तथा अनुसूचित जाति में 104 कृषक इस प्रकार डी०बी०टी० के माध्यम से कुल 07 कृषकों को लाभ दिया गया। जिला औद्यानिक मिशन योजनान्तर्गत जीर्णाेद्वार में सामान्य में 3 है० कृषकों की संख्या 02, अनुसूचित जाति में 01 है० कृषकों की संख्या-03 इस प्रकार कुल 05 कृषकों को लाभान्वित किया गया है। कृषकों का वर्ष 2023-24 में योजना के कार्यक्रमों के अन्तर्गत्त चयन ऑनलाइन कराते हुये डी०बी०टी० के माध्यम से अनुदान का भुगतान कृषकों के बैंक खाते में किया गया। योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों हेतु निर्धारित लक्ष्यों को अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिला कृषकों को लाभान्वित कर पूर्ण कर लिया गया है। इसके पश्चात् उन्होंने वर्ष 2024-25 में अनुुमोदन हेतु प्राप्त लक्ष्यों के सापेक्ष संचालित कार्यक्रमों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
बैठक के दौरान जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, एलडीएम, उपायुक्त उद्योग, एफपीओ संचालक, कृषक तथा अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।

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