हाथरस । जिला आपदा विशेषज्ञ हाथरस ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी आशीष कुमार के दिशा-निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 25.07.2024 को अपरान्ह 12ः00 बजे से 03ः00 बजे तक आठवीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ;छक्त्थ्द्ध की 15 सदस्यीय टीम गाजियाबाद द्वारा जनपद हाथरस के स्वास्थ्य विभाग 14 चिकित्सक, 16 ए0एन0एम0 तथा 295 आशा कार्यकत्रियों को प्राकृतिक, रासायनिक, जैविक, नाभिकीय एवं मानव निर्मित आपदाओं में बचाव एवं राहत कार्य से सम्बन्धित जन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम पी.सी. एंग्लो बागला इण्टर कॉलेज हाथरस स्वास्थ्य विभाग एवं जिला आपदा प्रबन्धन कलेक्ट्रेट हाथरस के समन्वय से कराया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ डा0 राजीव गुप्ता (प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी) द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। दीप प्रज्जवल में प्रधानाचार्य राजेश पी.सी. एंग्लो बागला इण्टर कॉलेज हाथरस, संजू कुमार, इन्सपेक्टर एन.डी.आर.एफ, लेखराज सिंह जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी हाथरस, डा0 आर0एन0 सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बलवीर सिह वर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, धर्मेन्द्र कुमार जिला कम्युनिटी प्रोसिस प्रबन्धक एन.एच.एम. हाथरस, चतुर सिंह स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ब्लाक सासनी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मंच का संचालन चतुर सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ब्लाक सासनी द्वारा कराया गया जिसमें उनके द्वारा ब्लाक से उपस्थित समस्त आशाओं को प्रशिक्षण के आयोजन एवं आवश्यकताओं के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। डा0 राजीव गुप्ता (प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी) द्वारा समस्त आये हुए स्वास्थ्य विभाग से आये हुए प्रतिभागियों को अवगत कराया गया कि जनपद में एन.डी.आर.एफ. टीम द्वारा कुल 10 जनपद में कार्यक्रम कराए जा रहे हैं, जिसमें से एक स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी अपने स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षित कराया जा रहा है। जनपद में आकस्मिक रूप आने वाली आने वाली आशाओं विद्युत, बाढ, दैवीय एवं अन्य प्रकार की आपदाओ से निपटने के लिए क्या करें क्या न करें घ् के बारे में टीम द्वारा अवगत कराया जायेगा जिसको आप आवश्यकता पड़ने पर उपयोग कर अधिक से अधिक जन हानि होने से बचा सकते है।
उक्त प्रशिक्षण में आवश्कता पड़ने पर सी.पी.आर. का इस्तेमाल किस प्रकार किया जाये उसकी डमी मॉडयूल पर प्रयोग करके एवं सदस्यों के द्वारा रेस्क्यू किस प्रकार किया जा सकता है। उक्त के समय किन बातों को अवश्य ध्यान रखा जाए ये भी बताया गया। उक्त प्रशिक्षण में कई आशाओं ने स्वयं भी डमी मॉडयूल पर रेस्क्यू कर पूर्ण प्रशिक्षण को उत्सुकता के साथ सीखा। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आपदाओं के समय जनपद में होने वाली जन हानि, पशु हानियों एवं अन्य प्रकार की क्षतियों में कमी लायी जा सके।
कार्यक्रम में लगभग 300 आशा कार्यकत्रियों, 16 ए0एन0एम0, 14 चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। इसके अतिरिक्त समस्त ब्लाकों के सामु0 स्वास्थ्य केन्द्रो ंके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भी उक्त कार्यक्रम में उपस्थित रहे।