कृषक अनावश्यक उर्वराकों का भण्डार न करें : आर0के0 सिंह, जिला कृषि अधिकारी

हाथरस । आर0के0 सिंह, जिला कृषि अधिकारी ने कृषक भाइयों को सूचित किया है कि शासन से रबी 2023-24 के डीएपी 23072 मी.टन के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं एवं यूरिया 44023 मी.टन के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। माह दिसम्बर, 23 तक 20736 मी.टन डीएपी का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 17149 मी.टन डीएपी की जनपद में आपूर्ति हुयी है एवं 15459 मी.टन डीएपी का वितरण हो चुका है तथा 1690 मी.टन डीएपी अवशेष है। माह दिसम्बर, 23 तक 28885 मी.टन यूरिया का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 33224 मी.टन यूरिया की जनपद में आपूर्ति हुयी है एवं 17772 मी.टन यूरिया का वितरण हो चुका है तथा 15452 मी.टन यूरिया अवशेष है। गत वर्ष इसी अवधि में 27002 मी.टन यूरिया की आपूर्ति हुयी थी, इस प्रकार गत वर्ष से 6222 मी.टन यूरिया की अधिक आपूर्ति हुयी है। पीसीएफ बफर गोदाम में 1500 मी.टन यूरिया भडारित है प्रेषित किया जा रहा है। एचयूआर कम्पनी की 1200 मी.टन की रेक हाथरस किला रेल हेड पर दिनांक 08.12.2023 को लगी थीै, जिसे बिक्री केन्द्रों पर प्रेषित किया जा चुका है। अलीगढ रेक प्वाइन्ट पर दिनांक 09.12.2023 को आईपीएल कम्पनी की रेक लगी है, जिससे जनपद को 351 मी.टन यूरिया की आपूर्ति होगी। जनपद में डीएपी, नेनो तरल डीएपी, यूरिया एवं नेनो तरल यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कृषक भाई आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरकों का क्रय करें एवं अनावश्यक उर्वराकों का भण्डार न करें।
पीएम-प्रणाम योजना वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक उर्वरकों की खपत को कम करने हेतु संचालित की जा रही है। कृषि क्षेत्र में असंतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किये जाने के कारण मृदा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, साथ-साथ जल एवं वायु प्रदेषण से पशु, मानव एवं फसलों को पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। एकीकृत तत्व प्रबन्धन करते हुये रासायनिक उर्वरकों का संतुलित मात्रा में फसलों की आवश्यकता के अनुसार उपयोग किया जाये। यूरिया के अधिक मात्रा में प्रयोग करने से फसल की वानस्पतिक वृद्धि अधिक हो जाती है एवं फसलों में कीट रोग अधिक लगते हैंे जिसके कारण गेंहॅूं की फसल गिरने की अधिक सम्भावना रहती है।
समस्त उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि स्टॉक पंजिका, विक्रय पंजिका तथा रसीद अनिवार्य रूप से रखी जाये या ऐसे प्रारूप में डिजिटल स्टॉक रजिस्टर, जो तिथिवार स्टॉक की स्थिति, आरम्भिक अवशेष, दिन के दौरान प्राप्तियां, दिन के दौरान विक्रय और अंतिम स्टॉक को स्पष्टः प्रदर्शित करता हो, का होना आवश्यक है। थोक/फुटकर उर्वरक विक्रेताओं तथा उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर उर्वरकों की उर्वरकवार बिक्री दर तथा स्टॉक का अंकन रेट एवं स्टॉक बोर्ड पर प्रतिदिन अंकित किया जाये। साथ ही कृषक की मांग के अनुसार ही जिंक, जाइम, सल्फर, माइक्रोन्यूट्रिएन्ट आदि उत्पाद कृषकों को उपलब्ध कराये। यूरिया, डीएपी के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करने तथा निर्धारित दरों से अधिक बिक्री करने पर उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
उर्वरक के सम्बन्ध में किसान भाइयों की समस्याओं के निस्तारण हेतु जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में कन्ट्रोल रूम के मोबइल नम्बर 8126556290 एवं 9410290381 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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